69000 शिक्षकभर्ती की सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई से जुड़ी प्रदेश अध्यक्ष ने दी अहम अपडेट!


लखनऊ: 69,000 शिक्षक भर्ती का मामला लंबे समय से सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। इस भर्ती से जुड़े अभ्यर्थियों को आज की सुनवाई से काफी उम्मीदें थीं कि शायद कोई ठोस फैसला सामने आएगा। लेकिन एक बार फिर उन्हें निराशा हाथ लगी और कोर्ट ने अगली तारीख 4 फरवरी तय कर दी है।

आज की सुनवाई न हो पाने की वजह मिसलेनियस डे बताई जा रही है। प्रदेश अध्यक्ष सुशील कश्यप ने बताया कि इससे पहले 18 नवंबर 2025 को हुई सुनवाई में अगली तारीख 16 जनवरी 2025 दोपहर 12 बजे तय की गई थी। लेकिन सीजीआई द्वारा सोमवार से शुक्रवार तक पूरे सप्ताह को मिसलेनियस डे घोषित कर दिए जाने के कारण आज इस मामले को सुना नहीं जा सका। इसी के चलते कोर्ट ने अब अगली सुनवाई 4 फरवरी को दोपहर 2 बजे निर्धारित की है।

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सुशील कश्यप ने कहा कि अभ्यर्थी बीते कई दिनों से दिल्ली में रुके हुए थे और उन्हें उम्मीद थी कि आज उनके पक्ष में कुछ सकारात्मक निर्णय आएगा। उनका कहना है कि मामला बहुत ज्यादा लंबा नहीं है, इसके बावजूद करीब सात वर्षों से यह लटका हुआ है। इससे आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को मानसिक और आर्थिक रूप से काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

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उन्होंने आरोप लगाया कि गलत नियुक्तियों पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं हो रही है और चयनित अभ्यर्थी लगातार इसका लाभ उठा रहे हैं, जबकि आरक्षित वर्ग के योग्य उम्मीदवार न्याय के लिए भटकने को मजबूर हैं। ओबीसी, एससी, एसटी और अल्पसंख्यक वर्ग से आने वाले अभ्यर्थियों के लिए यह स्थिति बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।

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प्रदेश अध्यक्ष ने यह भी कहा कि न्यायपालिका के फैसलों को स्वीकार करना उनकी मजबूरी है, क्योंकि न्याय की आखिरी उम्मीद अदालत से ही है। कोर्ट जो भी तारीख और शर्तें तय करता है, उन्हें मानने के अलावा उनके पास कोई विकल्प नहीं है।

अब सभी की नजरें 4 फरवरी की सुनवाई पर टिकी हुई हैं। अभ्यर्थियों को उम्मीद है कि उस दिन या तो विशेष बेंच का गठन होगा या फिर इसी बेंच के माध्यम से मामले की विधिवत सुनवाई कर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को न्याय मिलेगा।

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