सरकार की चुप्पी से नाराज अनुदेशक, महिला संगठन ने चेताया आंदोलन की तैयारी


लखनऊ: उत्तर प्रदेश के अनुदेशकों को लेकर सरकार की चुप्पी लगातार सवालों के घेरे में है। संगठन की ओर से लंबे समय से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन शासन-प्रशासन की ओर से अब तक कोई ठोस कार्रवाई या जवाबदेही देखने को नहीं मिली है।

हाल ही में महिला संगठन की ओर से यह रणनीति बनाई गई थी कि परियोजना भवन पहुंचकर आगे की स्थिति की जानकारी ली जाएगी, लेकिन दीपावली की छुट्टियों के चलते इस प्रक्रिया में फिलहाल कुछ देरी हो रही है। संगठन की पदाधिकारियों का कहना है कि बहुत जल्द वे परियोजना पहुंचकर संबंधित अधिकारियों से मुलाकात करेंगी।

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महिला संगठन की पदाधिकारी स्मृति मिश्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा 5 सितंबर को की गई घोषणा से अनुदेशकों और शिक्षा मित्रों में उम्मीदें जगी थीं, लेकिन दो महीने बीत जाने के बाद भी आदेशों को धरातल पर लागू नहीं किया गया। शासन-प्रशासन से लगातार वार्ता के बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है, जिससे अनुदेशकों के बीच निराशा और आक्रोश बढ़ता जा रहा है।

स्मृति मिश्रा ने कहा कि संगठन की जिम्मेदारी निभाते हुए वे लगातार अधिकारियों से संपर्क में हैं, लेकिन हर बार सिर्फ आश्वासन ही मिलता है। अब तो यह आश्वासन झूठे साबित हो रहे हैं और शासन-प्रशासन द्वारा अनुदेशकों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर जल्द ही मानदेय वृद्धि और अन्य मांगों पर कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लिया गया, तो संगठन को आंदोलन का रास्ता अपनाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।

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स्मृति मिश्रा ने कहा कि दीपावली की छुट्टियों और पारिवारिक जिम्मेदारियों के कारण अभी थोड़ी देरी हो रही है, लेकिन बहुत जल्द महिला संगठन की टीम परियोजना कार्यालय पहुंचकर आगे की रणनीति तय करेगी। उन्होंने स्पष्ट कहा कि अब संघर्ष अपरिहार्य होता जा रहा है और शासन-प्रशासन की अनदेखी के गंभीर परिणाम सामने आ सकते हैं।

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