लखनऊ: उत्तर प्रदेश के शिक्षा मित्रों के बीच इन दिनों काफी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। लंबे समय से अपनी समस्याओं के समाधान की प्रतीक्षा कर रहे शिक्षामित्र अब सरकार से जल्द निर्णय की उम्मीद कर रहे हैं। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संगठन के पदाधिकारी लगातार राजधानी लखनऊ में सक्रिय हैं और अधिकारियों से मुलाकात कर अपनी बात रख रहे हैं।
संगठन के प्रदेश अध्यक्ष शिव कुमार शुक्ला ने बताया कि हाल ही में उनकी मुलाकात महानिदेशक मोनिका रानी से हुई, जहां कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि “हमारी मुलाकात डीजी मैडम से हुई, और कई पहलुओं पर गहन चर्चा हुई। लेकिन दुर्भाग्य है कि जब भी हमारा काम समाधान के करीब पहुंचता है, तब अधिकारियों का स्थानांतरण हो जाता है। फिर भी डीजी मैडम ने हमारी बातों को गंभीरता से सुना और कहा कि वह इस मामले में डायरेक्टर महोदय से बात करेंगी।”
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शिव कुमार शुक्ला ने आगे बताया कि फिलहाल स्थानांतरण और कैशलेस व्यवस्था जैसे निर्णय अधिकारियों के स्तर पर लिए जाने हैं, जबकि मानदेय वृद्धि का निर्णय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्तर पर होना है। उन्होंने कहा, “हम चाहते हैं कि मुख्यमंत्री जी शीघ्र इस पर पहल करें। संगठन लगातार संघर्ष कर रहा है और तब तक करता रहेगा जब तक समाधान नहीं हो जाता।”
मुख्यमंत्री से मुलाकात को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने बताया कि “मुख्यमंत्री जी इस समय बिहार चुनाव में व्यस्त हैं और 9 तारीख तक राजधानी लखनऊ में अनुपस्थित रहेंगे। उम्मीद है कि उनके लौटने के बाद सकारात्मक मुलाकात संभव हो सकेगी।”
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वहीं, कोर्ट से जुड़े मामलों पर प्रतिक्रिया देते हुए शिव कुमार शुक्ला ने कहा कि “अंतिम निर्णय शासन को ही लेना है। इसलिए सभी शिक्षामित्रों को एकजुट होकर सरकार पर ही दबाव बनाना चाहिए ताकि हमारी मांगों का समाधान जल्द हो सके। अगर सरकार ने समय रहते निर्णय नहीं लिया तो संगठन आगे की रणनीति तय करने को बाध्य होगा।”
फिलहाल शिक्षामित्रों की निगाहें अब 9 नवंबर के बाद होने वाली संभावित मुलाकात पर टिकी हुई हैं, जिससे उन्हें अपने भविष्य को लेकर कोई ठोस संकेत मिलने की उम्मीद है।
