लखनऊ: उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्र लंबे समय से अपने मानदेय वृद्धि और अन्य मांगों को लेकर सरकार से समाधान की उम्मीद लगाए हुए हैं। हाल ही में शिक्षक दिवस (5 सितंबर) पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिक्षामित्र, अनुदेशक और शिक्षकों के लिए कैशलेस इलाज की सुविधा की घोषणा की थी। इसके साथ ही उन्होंने एक कमेटी गठित करने की बात कही थी, जिसकी रिपोर्ट आने के बाद मानदेय बढ़ाए जाने का संकेत भी दिया गया था।
इसी क्रम में उत्तर प्रदेश शिक्षामित्र शिक्षक संघ के अध्यक्ष अभय सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। अभय सिंह ने बताया कि वे 30 सितंबर को भी मुलाकात के लिए पहुंचे थे, लेकिन उस दिन मुख्यमंत्री से भेंट नहीं हो पाई। इसके बाद 3 अक्टूबर को हुई मुलाकात में उन्होंने मुख्यमंत्री को दो पत्र सौंपे—
- कैशलेस इलाज और मानदेय वृद्धि संबंधी घोषणा पर आभार जताने वाला पत्र।
- शिक्षामित्र सम्मेलन आयोजित करने के लिए समय निर्धारित करने का आग्रह पत्र।
अभय सिंह ने बताया, “माननीय मुख्यमंत्री जी से मुलाकात बहुत सकारात्मक रही। हमने धन्यवाद ज्ञापित किया और सम्मेलन को लेकर चर्चा की। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ‘आपका काम तो हम कर ही रहे हैं, इसके लिए समय तय कर प्रोग्राम बनाते हैं और बताते हैं।’ यह हमारे लिए बड़ा सकारात्मक संदेश है।”
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उन्होंने आगे कहा कि सम्मेलन बहुत जरूरी है, क्योंकि इससे सरकार और शिक्षामित्रों के बीच बनी दूरी कम होगी और भविष्य के लिए बेहतर रास्ता निकलेगा।
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दिवाली तक मिल सकता है बड़ा फैसला
हालांकि मानदेय वृद्धि को लेकर सीधी चर्चा इस मुलाकात में नहीं हुई, लेकिन संघ का मानना है कि मुख्यमंत्री का रुख सकारात्मक है। अभय सिंह ने कहा कि अगले 7–10 दिनों में प्रतिनिधिमंडल की एक और बैठक मुख्यमंत्री से लखनऊ में होगी। इससे पहले ही कार्यक्रम तय हो सकता है।
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संघ का अनुमान है कि मुख्यमंत्री की घोषणाओं और मौजूदा संकेतों को देखते हुए दिवाली तक शिक्षामित्रों के मानदेय वृद्धि संबंधी कोई ठोस घोषणा संभव है।