शिक्षामित्रों की आगे की रणनीति पर शिव कुमार शुक्ला ने कह दी बड़ी बात!


उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्रों के लिए राहत भरी खबर जल्द आ सकती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से शिक्षामित्रों के हित में की गई घोषणा के बाद अब शासनादेश जारी होने की उम्मीद और तेज हो गई है। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष शिवकुमार शुक्ला ने बताया कि संगठन पिछले तीन वर्षों से लगातार संघर्षरत है और अब परिणाम की घड़ी करीब है।

शुक्ला ने बताया कि आदरणीय श्रीचंद शर्मा के नेतृत्व में करीब दस एमएलसी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर शिक्षामित्रों की समस्याओं को विस्तार से रखा था। इसी संवाद का परिणाम रहा कि मुख्यमंत्री ने कैशलेस चिकित्सा योजना जैसी बड़ी सुविधा शिक्षामित्रों को उपलब्ध कराई। अब अगला कदम मानदेय से जुड़ी समस्याओं का समाधान है, जिस पर जल्द निर्णय आने की उम्मीद है।

उन्होंने कहा, “हम दीपावली से पहले या उसके तुरंत बाद मुख्यमंत्री जी से मिलने का प्रयास करेंगे। समिति की रिपोर्ट तैयार है, और जैसे ही मुख्यमंत्री जी चाहेंगे, प्रस्ताव पर निर्णय लेकर घोषणा की जाएगी।”

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शुक्ला ने यह भी स्पष्ट किया कि संगठन या किसी पदाधिकारी ने दीपावली से पहले आदेश जारी होने की बात नहीं कही है। उन्होंने शिक्षामित्र साथियों से अपील की कि किसी भी तरह की अफवाहों पर विश्वास न करें

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शिक्षामित्रों की सेवानिवृत्ति आयु को लेकर हाल ही में लखनऊ हाईकोर्ट ने स्थगन आदेश जारी किया है। इस पर शुक्ला ने कहा, “हम लगातार मांग कर रहे हैं कि शिक्षामित्रों की सेवा आयु 62 वर्ष तक सुरक्षित की जाए। जब अन्य कर्मचारियों को 62 वर्ष की सेवा का लाभ मिल रहा है, तो शिक्षामित्रों को भी यह हक मिलना चाहिए।”

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उन्होंने कहा कि शिक्षामित्रों की आर्थिक और सामाजिक स्थिति को मजबूत करने के लिए संगठन लगातार सरकार से संवाद बनाए हुए है। “हमारा संघर्ष संवाद के माध्यम से समाधान पाने का रहा है। आज मुख्यमंत्री, मंत्री और एमएलसी सभी शिक्षामित्रों के पक्ष में सकारात्मक हैं,” उन्होंने कहा।

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शुक्ला ने अंत में कहा कि, “अब हम उस मुहाने पर खड़े हैं जहां कभी भी अच्छा आदेश आ सकता है। हम मुख्यमंत्री जी पर भरोसा करते हैं कि उनके नेतृत्व में शिक्षामित्रों का भविष्य सुरक्षित और स्थायी होगा।”

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