शिक्षामित्रों को मिली बड़ी राहत: 60 वर्ष पर सेवानिवृत्ति पर हाईकोर्ट की रोक, सरकार से तीन हफ्ते में जवाब तलब


लखनऊ: 
उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्रों के लिए एक बड़ी राहत भरी खबर सामने आई है। लखनऊ हाई कोर्ट ने शिक्षामित्रों की 60 वर्ष की आयु पर की जा रही सेवानिवृत्ति पर फिलहाल तीन सप्ताह के लिए रोक लगा दी है। कोर्ट ने राज्य सरकार से तीन सप्ताह के भीतर अपना काउंटर एफिडेविट दाखिल करने का निर्देश दिया है।

यह आदेश हरदोई के कछौना ब्लॉक के राजेश कुमार मिश्रा और उनके 16 साथियों की याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया गया। राजेश मिश्रा की आयु 59 वर्ष है और शासनादेश के अनुसार इस वर्ष उनकी सेवा निवृत्ति होनी थी। उन्होंने याचिका में तर्क दिया कि जब शिक्षकों की सेवा आयु 62 वर्ष है, तो शिक्षामित्रों को 60 वर्ष पर रिटायर करना असमानता है।

हाई कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए फिलहाल अंतरिम राहत (Interim Relief) देते हुए आदेश दिया कि तीन सप्ताह तक शिक्षामित्रों की सेवा निवृत्ति रोकी जाए। इस अवधि में अगर कोई शिक्षामित्र रिटायर होने वाला है, तो वह इस आदेश की प्रति लेकर राहत प्राप्त कर सकता है।

राज्य सरकार को अब यह बताना होगा कि जब शिक्षक 62 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त हो रहे हैं, तो समान कार्य करने वाले शिक्षामित्रों को 60 वर्ष पर सेवानिवृत्त क्यों किया जा रहा है।

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पृष्ठभूमि और विवाद

अखिलेश यादव सरकार के कार्यकाल में शिक्षामित्रों की सेवा आयु 62 वर्ष निर्धारित की गई थी और उन्हें स्थायीकरण का भी लाभ मिला था। लेकिन 2017 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यह व्यवस्था निरस्त कर दी गई और आयु सीमा घटाकर 60 वर्ष कर दी गई।
इसके बाद से शिक्षामित्र लगातार असमानता का आरोप लगाते हुए आंदोलनरत हैं। उनका कहना है कि जब शिक्षक और शिक्षामित्र दोनों समान कार्य करते हैं, तो समान सेवा अवधि और सत्र लाभ (Session Benefit) भी दिया जाना चाहिए।

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शिक्षामित्रों में उत्साह, सरकार के जवाब का इंतजार

इस आदेश के बाद प्रदेश भर के शिक्षामित्रों में खुशी की लहर है। राजेश मिश्रा ने बताया कि कोर्ट ने अंतरिम राहत दे दी है और अब सरकार को अपना पक्ष पेश करना होगा।
अगर अदालत अगली सुनवाई में 62 वर्ष की आयु सीमा को बहाल करती है, तो शिक्षामित्रों को दो वर्ष की अतिरिक्त सेवा अवधि मिल सकती है, जो उनके लिए बड़ी राहत होगी।

राज्य सरकार को तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करना है। उसके बाद अगली सुनवाई में यह तय होगा कि क्या शिक्षामित्रों की सेवा अवधि स्थायी रूप से 62 वर्ष की जाएगी या नहीं।

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मुख्य बिंदु (Key Points):

  • लखनऊ हाई कोर्ट ने शिक्षामित्रों की सेवानिवृत्ति पर तीन सप्ताह की रोक लगाई।
  • सरकार को काउंटर एफिडेविट दाखिल करने का निर्देश।
  • आदेश हरदोई के राजेश मिश्रा और 16 साथियों की याचिका पर हुआ।
  • शिक्षकों की तरह 62 वर्ष सेवा आयु की मांग।
  • फिलहाल आदेश अंतरिम राहत (Interim Order) है।
  • सोमवार को आदेश की आधिकारिक प्रति मिलने की संभावना।

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