शिक्षामित्रों के मानदेय वृद्धि की घोषणा को हुए डेढ़ माह पूरे! देरी की क्या है वजह?


उत्तर प्रदेश में शिक्षामित्रों के मानदेय वृद्धि की घोषणा को डेढ़ माह हो गए, लेकिन अब तक इसे लागू नहीं किया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लगभग डेढ़ महीने पहले सार्वजनिक रूप से शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने का वादा किया था, लेकिन अब तक सरकार की तरफ से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।

ये भी पढ़ें: यूपी के सरकारी स्कूलों के लिए आ गया नया फरमान, ये गलती कर दी तो मिलेगी सजा

दीपावली के मौके पर शिक्षामित्रों को उम्मीद थी कि उनके लिए कोई बड़ी घोषणा की जाएगी, लेकिन त्योहार बीत जाने के बावजूद स्थिति जस की तस बनी हुई है। विभिन्न संगठन लगातार मुख्यमंत्री और अधिकारियों से मुलाकात कर इस मुद्दे को उठाते रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई स्पष्ट समाधान सामने नहीं आया है। 

ये भी पढ़ें: सुबह-सुबह योगी आदित्यनाथ ने राज्य कर्मचारियों और पेंशनरों को दी खुशखबरी

शिक्षामित्रोंका कहना है कि ₹10,000 के मानदेय में जीवन चलाना मुश्किल हो रहा है। सरकार ने पहले कहा था कि इसी कार्यकाल में शिक्षामित्रों का मानदेय ₹3,500 से बढ़ाकर ₹10,000 किया गया था और अब न्यूनतम मानदेय ₹18,000 तक बढ़ाने की बात कही जा रही है, साथ ही कैशलेस इलाज की सुविधा का प्रावधान भी होगा।

ये भी पढ़ें: शिक्षामित्र, अनुदेशक और शिक्षक होंगे शामिल, सरकार की सुविधाओं के लिए धन्यवाद कार्यक्रम की तैयारी

हालांकि, इन सभी घोषणाओं का धरातल पर असर अभी नहीं दिखाई दे रहा है। शिक्षामित्रों में निराशा और तनाव बढ़ रहा है, जिससे कुछ मामलों में मानसिक दबाव और अवसाद की स्थिति भी देखने को मिली है। संगठन बार-बार ज्ञापन, वीडियो और अन्य माध्यमों से अपनी मांग मुख्यमंत्री तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं।

ये भी पढ़ें: शिक्षामित्रों को मिली बड़ी राहत: 60 वर्ष पर सेवानिवृत्ति पर हाईकोर्ट की रोक, सरकार से तीन हफ्ते में जवाब तलब

अब यह सवाल बनता है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शिक्षामित्रों के लिए कब कोई ठोस निर्णय लेंगे और उनका मानदेय वृद्धि कब धरातल पर लागू होगा।

Post a Comment

Previous Post Next Post