एटा: माध्यमिक एवं बेसिक शिक्षा विभाग में लंबे समय से चली आ रही मनमानी पर अब रोक लग सकती है। अपर मुख्य सचिव द्वारा जारी हालिया शासनादेश के बाद यह साफ हो गया है कि अब अधिकारियों का “गैरों पर करम, अपनों पर सितम” वाला रवैया नहीं चलेगा। दीपोत्सव से पूर्व जारी हुए इस शासनादेश पर फिलहाल किसी स्तर पर कार्रवाई नहीं दिख रही है, लेकिन विभाग के भीतर हलचल बढ़ गई है।
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जिला विद्यालय निरीक्षक (DIOS) कार्यालय पर निशाना
जिले के विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में तैनात अधिकांश कर्मचारी वर्तमान में अपने मूल कार्यस्थल से हटकर अन्य जगहों पर कार्यरत हैं। शासनादेश के अनुसार अब ऐसे सभी कर्मचारियों को उनके मूल तैनाती स्थल पर वापस भेजा जाना संभावित है।ये भी पढ़ें:  10 हजार हो या 94 हजार TET तो सबको करना पडेगा! Supreme Court के आदेश से शिक्षकों में मची खलबली!
इन कर्मचारियों को भेजा जा सकता है मूल कार्यस्थल पर
कार्यालय में सम्बद्ध कर्मचारियों में प्रमुख नाम शामिल हैं —- सौरभ कुमार, लिपिक, जनता इंटर कॉलेज नगला गजपत
- राहुल जैन, लिपिक, जनता इंटर कॉलेज पिलुआ
- दिनेश गुप्ता, लिपिक, राजकीय बालिका इंटर कॉलेज बाकलपुर
- रामखिलाड़ी, लिपिक, राजकीय बालिका इंटर कॉलेज एटा
- विकास यादव, लिपिक, राजकीय बालिका इंटर कॉलेज एटा
- पंकज कुमार, लिपिक, राजकीय कन्या इंटर कॉलेज
- निशू यादव, राजकीय हाईस्कूल कुसैत
कार्यालयीन व्यवस्था पर असर
सूत्रों के अनुसार, राजकीय विद्यालयों के कई शिक्षक व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भी वर्तमान में अन्य स्थानों पर सम्बद्ध कर कार्य कर रहे हैं। ऐसे में उनके मूल विद्यालयों में कार्य प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है। शासनादेश लागू होने के बाद सभी सम्बद्ध कर्मियों को अपने-अपने कार्यस्थल पर लौटने के निर्देश दिये जा सकते हैं।
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