शिक्षामित्र, अनुदेशक के प्रदेश अध्यक्ष MLC श्रीचंद शर्मा ने तत्काल लखनऊ बुलाए, क्या होगा कुछ नया?


लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शनिवार को चार शिक्षक एवं स्नातक क्षेत्र के विधायकों ने मुलाकात की। इनमें मानवेन्द्र प्रताप सिंह, इंजीनियर अवनीश सिंह, श्रीचंद शर्मा और उमेश द्विवेदी शामिल रहे। इन सभी ने प्रदेश के शिक्षकों, शिक्षामित्रों और अनुदेशकों के लिए शुरू की गई कैशलेस चिकित्सा सुविधा को लेकर मुख्यमंत्री का आभार जताया।

इस मौके पर विधायकगणों ने मुख्यमंत्री से प्रदेश के लगभग 9 लाख शिक्षकों, शिक्षा मित्रों, रसोइयों और अनुदेशकों के हित में चल रही योजनाओं और भविष्य की पहल पर चर्चा की। मुख्यमंत्री से यह मुलाकात करीब आधे घंटे से अधिक चली, जिसमें विभिन्न शिक्षक वर्गों की समस्याओं और समाधान पर भी विचार-विमर्श हुआ।

मुलाकात के बाद शिक्षक खंड के एमएलसी श्रीचंद शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री जी से बेहद सकारात्मक बातचीत हुई है। उन्होंने आगे बताया कि शिक्षामित्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष शिवकुमार शुक्ला, सुशील यादव, अजय सिंह, और अनुदेशक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विक्रम सिंह को लखनऊ बुलाया गया है ताकि आगे की रणनीति पर विचार-विमर्श किया जा सके।

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उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में शिक्षामित्रों और अनुदेशकों को राहत देने वाली कुछ अहम घोषणाएं हो सकती हैं। वहीं, धनतेरस और दीपावली के मौके पर यह खबर शिक्षामित्रों के बीच नई उम्मीदें जगा रही है।

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जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री आवास 5, कालिदास मार्ग, लखनऊ पर हुई इस मुलाकात के दौरान विधायकों ने मुख्यमंत्री को एक धन्यवाद पत्र भी सौंपा। पत्र में लिखा गया है —

“प्रदेश के लगभग 9 लाख शिक्षकों के लिए कैशलेस उपचार की सुविधा दिए जाने की घोषणा से शिक्षकों में खुशी की लहर है। हम सभी शिक्षक एवं स्नातक विधायक भाजपा, शिक्षक प्रकोष्ठ तथा प्रदेश के सभी विद्यालयों की ओर से मुख्यमंत्री जी का हार्दिक धन्यवाद ज्ञापित करते हैं।”

पत्र पर चारों विधायकों — मानवेन्द्र सिंह (स्नातक खंड आगरा-अलीगढ़), श्रीचंद शर्मा (शिक्षक खंड मेरठ-सहारनपुर), इंजीनियर अवनीश सिंह (स्नातक खंड लखनऊ) और उमेश द्विवेदी (शिक्षक खंड लखनऊ) — के हस्ताक्षर हैं।

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अब सभी की निगाहें लखनऊ में होने वाली इस आगामी बैठक पर टिकी हैं, जिसमें शिक्षामित्र और अनुदेशक संगठन अपनी मांगों को प्रमुखता से रखेंगे। संभव है कि इस बैठक के बाद सरकार की ओर से कोई ठोस घोषणा सामने आए।

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फिलहाल शिक्षामित्र और अनुदेशक वर्ग प्रदेश सरकार से एक न्यायपूर्ण और स्थायी समाधान की उम्मीद लगाए हुए हैं।

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