जालालाबाद (कन्नौज): सुप्रीम कोर्ट द्वारा पूर्व से कार्यरत शिक्षकों पर टीईटी (Teacher Eligibility Test) परीक्षा को अनिवार्य करने के फैसले के खिलाफ शिक्षकों में गहरा आक्रोश देखने को मिल रहा है। इसी क्रम में अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ, नई दिल्ली से संबद्ध प्राथमिक शिक्षक संघ कन्नौज इकाई की ओर से ब्लॉक संसाधन केंद्र, जालालाबाद में एक बैठक आयोजित की गई।
बैठक की अध्यक्षता जिला अध्यक्ष सुशील कुमार यादव ने की, जिसमें बड़ी संख्या में शिक्षक-शिक्षिकाएं शामिल हुए। इस दौरान टीईटी अनिवार्यता के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान चलाया गया। शिक्षकों ने एक स्वर में इस निर्णय को अव्यवहारिक और अन्यायपूर्ण बताया तथा सरकार से इसे तुरंत वापस लेने की मांग की।
जिला अध्यक्ष सुशील कुमार यादव ने कहा कि “दशकों से सेवा दे रहे शिक्षकों पर अब टीईटी अनिवार्य करना उनके अस्तित्व पर प्रश्नचिह्न लगाने जैसा है। यह फैसला न केवल अनुचित है, बल्कि लाखों शिक्षकों की आजीविका पर संकट खड़ा करता है।”
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ब्लॉक अध्यक्ष जावेद अहमद सिद्दीकी ने कहा कि यह निर्णय शिक्षकों के साथ न्याय के विरुद्ध है, जबकि पूर्व माध्यमिक शिक्षक संघ के ब्लॉक अध्यक्ष रमाकांत पाल ने कहा कि “हम स्कूल से लेकर संसद तक इस निर्णय का विरोध करेंगे।”
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संघ के मंत्री रामऔतार ने केंद्र सरकार से इस विषय पर संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की ताकि लाखों शिक्षकों को राहत मिल सके। वहीं जिला सोशल मीडिया प्रभारी अवधनारायण ने कहा कि यदि शिक्षक एकजुट होकर आवाज उठाएं तो यह फैसला जल्द ही रद्द हो सकता है।
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बैठक में कोतवाल सिंह, प्रदीप यादव, महेन्द्र सिंह, अमिता कटियार, सिराज अहमद समेत दर्जनों शिक्षक-शिक्षिकाएं उपस्थित रहे। सभी ने टीईटी अनिवार्यता को शिक्षा व्यवस्था के लिए घातक बताया और आंदोलन को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया।
 
