मेरठ में आयोजित सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय के 18वें दीक्षांत समारोह में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने शिक्षकों, वैज्ञानिकों और छात्रों को संबोधित करते हुए नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की कई योजनाएं चल रही हैं, लेकिन न तो हम खुद जानकारी लेते हैं और न ही छात्रों को बताना चाहते हैं।
राज्यपाल ने कहा कि हम सरकारी नौकरी चाहते हैं, लेकिन रिसर्च और नवाचार करने में रुचि नहीं दिखाते। उन्होंने आह्वान किया कि शिक्षक, छात्र और वैज्ञानिक कैंपस से बाहर निकलकर गांव-गांव जाएं और किसानों व महिलाओं को सरकारी योजनाओं की जानकारी दें। उन्होंने कहा, "जब हम 85 साल की उम्र में काम कर सकते हैं तो आप क्यों नहीं।"
समारोह में 583 उपाधियां और 26 मेडल प्रदान किए गए। राज्यपाल ने महिलाओं के सशक्तिकरण पर जोर देते हुए कहा कि महिला केवल घर तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज और राष्ट्र निर्माण में उसकी महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने निजी स्कूलों से नौ से 15 वर्ष की छात्राओं को सर्वाइकल कैंसर वैक्सीन लगवाने के लिए प्रेरित करने का आह्वान किया।
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कुलाधिपति ने विश्वविद्यालय की व्यवस्था पर भी नाराजगी जताई। उन्होंने बताया कि लाइब्रेरी अच्छी है, लेकिन कई इमारतों की छत पर पेड़ उग आए हैं, हॉस्टल में मैस नहीं चलता और सफाई व्यवस्था भी ठीक नहीं है। उन्होंने शिक्षकों और छात्रों से स्वयं सफाई अभियान में जुड़ने की अपील की।
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राज्यपाल ने क्षेत्र में ड्रग्स की बढ़ती प्रवृत्ति पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि अब सिर्फ शराब ही नहीं, बल्कि नशे के नए रूप बच्चों और खासकर लड़कियों तक पहुंच रहे हैं, जो बेहद खतरनाक है। उन्होंने युवाओं से नशे से दूर रहने का आह्वान किया।
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उन्होंने वैज्ञानिकों और छात्रों से किसानों तक नवाचार पहुंचाने की अपील की। कहा कि जब किसान नई तकनीक अपनाते हैं तो उत्पादन में बढ़ोतरी होती है और यही असली उपलब्धि है, जो सामूहिक रूप से देश के विकास में योगदान करती है।