Muzaffarpur: शहर के दो मिडिल स्कूलों के मर्ज होने के बाद हेडमास्टर की कुर्सी पर अधिकार को लेकर विवाद गहरा गया है। मर्ज किए गए स्कूलों के प्रधानाध्यापकों ने एक ही पद पर दावा ठोक दिया, जिससे शिक्षा विभाग में असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
यह मामला आदर्श मध्य विद्यालय सरैयागंज और मारवाड़ी मिडिल स्कूल तथा यमुना मध्य विद्यालय और होम फॉर होमलेस स्कूल के विलय से जुड़ा है। मर्ज किए गए स्कूलों के प्रधानाध्यापकों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और विभागीय आदेश का हवाला देते हुए वरिष्ठता के आधार पर हेडमास्टर पद की मांग की।
मूल विद्यालय के प्रधानाध्यापक का कहना है कि शिक्षा विभाग का स्पष्ट निर्देश है कि मर्ज होने की स्थिति में मूल विद्यालय के हेडमास्टर को ही पद पर बने रहने दिया जाएगा। वहीं, मर्ज विद्यालय के शिक्षकों ने तर्क दिया कि पूर्व में विभाग का आदेश था कि वरिष्ठता के आधार पर ही हेडमास्टर का चयन होगा।
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इस विवाद को लेकर गुरुवार को अपर मुख्य सचिव एस. सिद्धार्थ ने मामले की सुनवाई की। सुनवाई के दौरान शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि 2018 में तत्कालीन अपर मुख्य सचिव ने भवनहीन और भूमिहीन स्कूलों के मर्ज संबंधी आदेश में कहा था कि प्राथमिक स्कूलों में वरिष्ठ शिक्षक को प्रभार दिया जाएगा, लेकिन मिडिल स्कूलों के लिए स्पष्ट प्रावधान नहीं था। चूंकि मर्ज किए गए सभी स्कूल मिडिल स्तर के हैं, इसलिए उनके प्रधानाध्यापकों को शहरी क्षेत्र के अन्य विद्यालयों में हेडमास्टर के पद पर पदस्थापित कर दिया गया है।
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अब अपर मुख्य सचिव के निर्णय के बाद इस विवाद पर अंतिम फैसला होने की संभावना है। शिक्षा विभाग मामले की गहराई से जांच कर रहा है और सभी पक्षों की दलीलों को ध्यान में रखकर अगली कार्रवाई करेगा।