यूपी शिक्षामित्रों के लिए कौन माॅडल होगा लागू, अधिकारियों ने किया स्पष्ट | UP Shikshamitra



UP Shikshamitra: शिक्षामित्रों का प्रस्ताव शासन में जाने के लिए तैयार हैं, जल्द ही प्रस्ताव को शासन में भेज दिया जाएगा। दरअसल लखनऊ में धरना करने के बाद शिक्षामित्रो के लिए सरकार द्वारा एक कमेटी बनाई गई तथा शिक्षामित्रों के साथ वार्ता करके कमेटी द्वारा शासन में भेजने के लिए एक प्रस्ताव तैयार किया गया है जिसके बाद प्रदेश के लाखों शिक्षामित्रों के अंदर फिर एक बार आस जगी है कि शायद इस बार सरकार द्वारा कुछ अच्छा किया जाएगा। वहीं कुछ शिक्षामित्रों द्वारा मॉडल की बात कही जा रही है कि आखिर सरकार किस राज्य के मॉडल के अनुसार शिक्षामित्रों की समस्याओं का निस्तारण करेगी? तो आइए जानते हैं...


शिक्षामित्रों के लिए अन्य राज्यों का मॉडल

शिक्षामित्रों द्वारा सर्वप्रथम उत्तराखंड मॉडल की बात कही जाती है कि सरकार पड़ोसी राज्य की भांति समस्याओं का निस्तारण करें। उत्तराखंड में शिक्षामित्रों को सरकार द्वारा 20 हजार रुपए मानदेय दिया जाता है वहीं बिहार में इन्हें 2006 में ही समायोजित कर दिया गया था फिलहाल इन्हें 35 से 48 हजार रूपए तक मानदेय मिलता है। वहीं पंजाब में 10 वर्ष से ऊपर का अनुभव रखने वाले शिक्षकों को स्थाई करने की प्रक्रिया चल रही है फिलहाल उन्हें 11 हजार रूपए मिलते हैं। इसी प्रकार अन्य राज्यों के अलग-अलग मॉडल है।


यूपी शिक्षामित्रों के लिए कौन सा मॉडल होगा लागू

शिक्षामित्र संघ ने बताया कि उत्तर प्रदेश में शिक्षामित्रों की कमेटी द्वारा प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है जिसे एक-दो कार्य दिवसों में सरकार के समक्ष पेश किया जाएगा। जिसपर बात कही जा रही है कि आखिर सरकार किस राज्य के मॉडल के हिसाब से शिक्षामित्रों की समस्याओं का निस्तारण करेगी? जिसका जवाब देते हुए उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के महामंत्री सुनील कुमार यादव ने कहा कि 'हमने सरकार के सामने चार राज्यों के मॉडल को रखा है, जिसे हमने अधिकारियों को सिर्फ उदाहरण तौर पर दिया हैं। सिर्फ सरकार और अधिकारियों के सपोर्ट के लिए उन मॉडल्स को रखा गया है। ताकि उन शासनादेशों के माध्यम से अधिकारीगण को पता चले कि आसपास के राज्यों में शिक्षामित्रों के लिए क्या व्यस्था है। उन्होंने कहा है अन्य राज्यों के मॉडलों को उदाहरण तौर पर रखा गया है बाकी प्रस्ताव बनकर तैयार है तथा जल्द ही सरकार के पास पहुंच जाएगा। अभी किसी भी राज्य का कोई भी माडल लागू नहीं होगा। यादव ने बताया कि अधिकारीयों ने स्वयं स्पष्ट किया है कि किसी भी राज्य का कोई भी मॉडल लागू नहीं होगा। उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्रों के लिए प्रस्ताव द्वारा अलग माडल तैयार होगा, जो भी व्यस्था बनेगी वो उत्तर प्रदेश की अलग बनेगी।'