कैबिनेट बैठक में 20 प्रस्तावों को मिली मंजूरी, शिक्षामित्रों के हिस्से में आया इंतज़ार


लखनऊ: उत्तर प्रदेश में हुई आज की कैबिनेट बैठक में विकास, निवेश और प्रशासनिक सुधारों से जुड़े कुल 20 प्रस्तावों को मंजूरी दे दी गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में लखनऊ के लोक भवन में हुई इस बैठक में अयोध्या में विश्वस्तरीय संग्रहालय बनाने, प्रदेश में अस्पतालों के विकास हेतु निजी निवेश को प्रोत्साहन देने की नई नीति, अंतरराष्ट्रीय पदक विजेताओं की सीधी भर्ती नियमावली 2022 में संशोधन सहित कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए।

हालांकि इन तमाम निर्णयों के बीच एक बार फिर उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्रों का मुद्दा अनछुआ रह गया।

कैबिनेट में कई बड़े फैसले, लेकिन शिक्षामित्रों का मामला फिर टला

हाल के दिनों में सरकार द्वारा विकास और बुनियादी ढांचा सुधार से जुड़े अनेक कदम उठाए जा रहे हैं। आज की बैठक में भी औद्योगिक विकास, पर्यटन, खेलकूद, वित्त और स्वास्थ्य से जुड़े अहम प्रस्ताव पास किए गए।
लेकिन लंबे समय से लंबित शिक्षामित्रों के मानदेय, स्थानांतरण प्रक्रिया और कैशलेस इलाज जैसी घोषणाओं पर कोई ठोस कदम न उठाए जाने से शिक्षामित्रों में लगातार नाराजगी बढ़ती जा रही है।

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3 जनवरी और 5 सितंबर की घोषणाएं अभी भी अधर में

3 जनवरी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिक्षामित्रों की मूल विद्यालय वापसी को लेकर बड़ा शासनादेश जारी किया था। लेकिन एक साल पूरा होने को है और अभी तक स्थानांतरण प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है।
इसी तरह, 5 सितंबर को शिक्षामित्रों के मानदेय वृद्धि और कैशलेस इलाज सुविधा की घोषणा की गई थी, लेकिन दोनों ही फैसले अभी तक लागू नहीं हो पाए हैं।

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शिक्षामित्रों में बढ़ती नाराजगी

लगातार कैबिनेट बैठकों के बाद भी जब उनकी समस्याओं पर चर्चा नहीं होती, तो शिक्षामित्रों में निराशा और असंतोष साफ देखा जा रहा है।
समर कैंप के भुगतान से लेकर मानदेय तक, कई मुद्दों पर शिक्षामित्र लगातार समाधान की प्रतीक्षा कर रहे हैं। लेकिन अब तक सरकार की ओर से केवल आश्वासन ही मिल रहे हैं।

कब मिलेगा शिक्षामित्रों को राहत?

आज की बैठक के 20 प्रस्तावों की जमकर सराहना हो रही है, लेकिन शिक्षामित्र अब भी इस इंतजार में हैं कि उनका मुद्दा कब कैबिनेट प्रस्तावों में शामिल होगा।
हर बैठक के बाद उम्मीदें जगती हैं और उसी तरह टूट भी जाती हैं, जिससे उनका धैर्य अब खत्म होने लगा है।

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