शिक्षामित्रों और अनुदेशकों के लिए बड़ी खुशख़बरी! Election Commission ने लिया बड़ा फैसला!


लखनऊ: उत्तर प्रदेश के शिक्षा मित्रों, अनुदेशकों और अन्य कर्मचारियों के लिए, जो बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) के रूप में कार्य कर रहे थे, एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। लंबे समय से बढ़ते काम के दबाव और अपर्याप्त मानदेय को लेकर उठ रही आवाजों के बाद आखिरकार चुनाव आयोग ने बड़ा कदम उठाया है।

बीएलओ और सुपरवाइजर के मानदेय में बढ़ोतरी

चुनाव आयोग ने फैसला किया है कि बीएलओ का मानदेय अब दोगुना कर दिया जाएगा।
• पहले बीएलओ को मिल रहे 6,000 रुपये अब बढ़ाकर 12,000 रुपये कर दिए गए हैं।
• बीएलओ सुपरवाइजर का मानदेय 12,000 रुपये से बढ़ाकर 18,000 रुपये कर दिया गया है।

इस फैसले से बीएलओ और सुपरवाइजर पद पर कार्यरत कर्मचारियों ने राहत की सांस ली है, क्योंकि पिछले कई महीनों से काम का दबाव बढ़ता जा रहा था और सुविधाओं की कमी के कारण कर्मचारियों में नाराजगी भी थी।

शिक्षा मित्र और अनुदेशक भी कर रहे थे मांग

उत्तर प्रदेश के शिक्षा मित्र और अनुदेशक जो बीएलओ की ड्यूटी कर रहे थे, लगातार अपनी समस्याएं उठा रहे थे। मानदेय समय पर न आना, कार्यभार अधिक होना और सुविधाओं की कमी जैसी शिकायतें आम थीं। इसके बाद सरकार और आयोग तक यह आवाज पहुंची।

सरकार से भी मानदेय बढ़ाने की उम्मीद

हालांकि बीएलओ मानदेय बढ़ने से राहत जरूर मिली है, लेकिन शिक्षा मित्रों और अनुदेशकों के नियमित मानदेय में बढ़ोतरी को लेकर अभी भी असमंजस की स्थिति है। मुख्यमंत्री द्वारा घोषणा के बाद भी अब तक इनके खातों में बढ़ा हुआ मानदेय नहीं पहुंच पाया है, जिससे इनके बीच नाराजगी बनी हुई है।

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अगला कदम क्या होगा?

अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि चुनाव आयोग का यह निर्णय धरातल पर कितनी जल्दी लागू होता है और बढ़ा हुआ मानदेय कब से देना शुरू किया जाएगा। कर्मचारियों को उम्मीद है कि जल्द ही सरकार भी उनके नियमित मानदेय पर सकारात्मक निर्णय लेगी।

फिलहाल, बीएलओ और सुपरवाइजर मानदेय बढ़ने की घोषणा से शिक्षा मित्रों और अनुदेशकों को आंशिक राहत जरूर मिली है।

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