मानदेय वृद्धि में हो रही देरी से शिक्षामित्रों में रोष व्याप्त, 7 दिसंबर होगा अहम दिन


लखनऊ: उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्रों में मानदेय वृद्धि को लेकर लगातार चल रही देरी अब गहरी नाराजगी में बदलती जा रही है। मुख्यमंत्री द्वारा सार्वजनिक घोषणा किए जाने के बावजूद विभागीय स्तर पर आदेशों को लागू न किए जाने से शिक्षामित्र असंतोष व्यक्त कर रहे हैं। इसी मुद्दे पर 7 दिसंबर को राजधानी लखनऊ में प्रदेश स्तरीय महत्वपूर्ण बैठक आयोजित होने जा रही है, जिसको लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं।

लखनऊ में अहम बैठक

इससे पहले पश्चिमी उत्तर प्रदेश में क्षेत्रीय स्तर पर बैठक हो चुकी है। अब प्रदेश स्तरीय बैठक में आगे की रणनीति तय की जाएगी। शिक्षामित्रों का कहना है कि लगातार एक वर्ष से अधिकारी उन्हें सिर्फ आश्वासन दे रहे हैं, जबकि वास्तविक रूप से कोई कदम उठता नजर नहीं आ रहा। शासनादेश जारी होने के बावजूद उसे धरातल पर लागू न करना शिक्षामित्रों की परेशानी को और बढ़ा रहा है।

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अधिकारियों के रवैये से नाराजगी

संगठन के पदाधिकारियों ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि अधिकारियों के ढुलमुल रवैये के कारण शिक्षामित्र लंबे समय से मानसिक रूप से परेशान हैं। प्रमुख सचिव द्वारा दिए गए आदेश को लागू किए बिना एक वर्ष बीत जाना विभागीय उदासीनता को दर्शाता है। इस वजह से शिक्षामित्रों में भारी रोष है और अब वे आर-पार की लड़ाई के लिए तैयार हैं।

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7 दिसंबर पर टिकी निगाहें

संगठन का कहना है कि 7 दिसंबर की बैठक में भविष्य की दिशा और निर्णय तय किए जाएंगे। यदि शासनादेश लागू नहीं किया जाता है, तो शिक्षामित्र कड़ा कदम उठाने की तैयारी में हैं। उनका कहना है कि मानदेय वृद्धि का मुद्दा अब पूरी तरह मुख्यमंत्री के पाले में है और वे चाहते हैं कि जल्द से जल्द अंतिम निर्णय लेकर घोषणा की जाए, जिससे हजारों शिक्षामित्रों को राहत मिल सके।

शिक्षामित्र संगठन की यह बैठक आने वाले दिनों की राह तय करने वाली है। सभी की नजरें अब 7 दिसंबर की इस अहम बैठक पर टिकी हुई हैं।

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