लखनऊ: उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्र अब सरकार के आश्वासनों से थक चुके हैं। लंबे समय से स्थायी समाधान और मानदेय वृद्धि की मांग करते हुए अब संगठन ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द उनकी समस्याओं का हल नहीं हुआ, तो विधानसभा सत्र के दौरान बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
संगठन के पदाधिकारी वीरेंद्र सिंह छौंकर ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा कई बार शिक्षामित्रों के मानदेय में वृद्धि और स्थायी समाधान का आश्वासन दिया गया, लेकिन धरातल पर कुछ भी लागू नहीं हुआ। उन्होंने आरोप लगाया कि “सरकार की कथनी और करनी में बड़ा फर्क है। वादे तो बहुत किए गए, पर अब तक कुछ भी नहीं बदला।”
ये भी पढ़ें: यूपी में 5 बड़ी खुशखबरी: योगी सरकार के फैसलों से नागरिकों को मिली राहत!
शिक्षामित्रों का कहना है कि वे प्रदेश भर में सभी प्रशासनिक और शैक्षिक कार्यों में बराबर योगदान दे रहे हैं, फिर भी उन्हें समान सम्मान और वेतन नहीं दिया जा रहा। बढ़ती महंगाई और आर्थिक संकट के चलते कई शिक्षामित्रों ने जान भी गंवाई है।
अब संगठन की अगली रणनीति विधानसभा सत्र में “विधानसभा घेराव” की तैयारी की है। वीरेंद्र शंकर ने बताया कि इस विषय पर संगठन की बैठक जल्द बुलाई जाएगी, जिसमें आंदोलन की तारीख और रूपरेखा तय की जाएगी।
