लखनऊ। उत्तर प्रदेश के अनुदेशक एक बार फिर अपनी लंबित समस्याओं के समाधान की उम्मीद लेकर राजधानी पहुंचे। परिषदीय अनुदेशक उत्थान समिति उत्तर प्रदेश की प्रदेश अध्यक्ष स्मृति मिश्रा और प्रदेश महामंत्री प्राची मिश्रा ने आज परियोजना भवन पहुंचकर अधिकारियों से मुलाकात का प्रयास किया।
संगठन की ओर से बताया गया कि शासन स्तर पर अनुदेशकों के मुद्दे लंबे समय से अटके हुए हैं। प्रदेश अध्यक्ष स्मृति मिश्रा ने अपने बयान में कहा कि “पिछले अगस्त के धरने के बाद 15 महीने बीत चुके हैं, लेकिन अब तक एक भी शासनादेश जारी नहीं हुआ है। हर बार केवल आश्वासन दिया जाता है कि चीजें पाइपलाइन में हैं, लेकिन वह पाइपलाइन कब खुलेगी किसी को नहीं पता।”
स्मृति मिश्रा ने बताया कि आज डीजी मैडम से मुलाकात संभव नहीं हो सकी क्योंकि शासन में बैठक चल रही थी, वहीं अन्य सक्षम अधिकारी भी कोर्ट में मौजूद थे। हालांकि आंतरिक स्तर पर पटल से जुड़े अधिकारियों से बातचीत में यह स्पष्ट हुआ कि 14 सीएल, स्वतः नवीनीकरण और महिलाओं के अंतरजनपदीय ट्रांसफर से संबंधित कोई भी फाइल आगे नहीं बढ़ी है।
उन्होंने साफ कहा कि “अनुदेशक से जुड़े किसी भी आदेश के जारी होने की फिलहाल कोई संभावना या तैयारी नहीं है।” मिश्रा ने बताया कि ज्ञापन डीजी मैडम को डाक विभाग के माध्यम से भेजा गया है, जिसमें विलंबित शासनादेशों को शीघ्र जारी करने की मांग की गई है।
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प्रदेश अध्यक्ष ने अनुदेशकों से अपील की कि अब धरना-आंदोलन के लिए तैयारी करनी होगी, क्योंकि शासन प्रशासन अब तक उनके मुद्दों पर गंभीर नहीं दिख रहा है। उन्होंने कहा कि “अब अंतिम रास्ता यही बचा है — आंदोलन से ही बात सुनी जाएगी।”
मिश्रा ने चेतावनी दी कि यदि शीघ्र आदेश जारी नहीं किए गए, तो संगठन किसी भी समय आंदोलन की घोषणा कर सकता है। साथ ही उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में पंचायत चुनाव और बोर्ड परीक्षाओं के कारण आंदोलन का समय सीमित रहेगा, इसलिए अनुदेशकों को अभी से तैयारी शुरू करनी चाहिए।
