शिक्षामित्रों, अनुदेशकों और पेंशनधारकों के लिए राहत की उम्मीद, MLC श्रीचंद शर्मा ने दी विस्तृत जानकारी


उत्तर प्रदेश के शिक्षा मित्रों, अनुदेशकों और अन्य संविदा कर्मियों के लिए लंबे समय से लंबित समस्याओं के समाधान की दिशा में बड़ी पहल की जा रही है। MLC श्रीचंद शर्मा ने हाल ही में अपने इंटरव्यू में बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संविदा कर्मियों की समस्याओं को सुलझाने के लिए कई अहम घोषणाएं की हैं।

श्रीचंद शर्मा ने कहा कि पिछले कई वर्षों से शिक्षा मित्रों और अनुदेशकों के मानदेय और अन्य सुविधाओं को लेकर लंबित समस्याएं थीं। कुछ संगठनों के नेताओं का सरकार के प्रति रवैया भी काफी रुक्ष रहा, जिससे शिक्षा मित्रों और सरकार के बीच संवाद प्रभावित हुआ। इसके कारण कई मुद्दे लंबे समय तक अटके रहे।

उन्होंने बताया कि 2017 के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संविदा कर्मियों की समस्याओं को गंभीरता से उठाया। शिक्षा मित्रों और अनुदेशकों के प्रतिनिधियों के साथ कई दौर की बैठकें हुईं और माननीय मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए कि उनकी समस्याओं का समाधान किया जाए।

मानदेय में वृद्धि और सुविधा:

श्रीचंद शर्मा के अनुसार, शिक्षा मित्रों का मानदेय पहले केवल ₹3500 था। अब नई व्यवस्था के तहत यह मानदेय बढ़ाया जाएगा और इसे ऐसी प्रणाली में बदल दिया जाएगा, जिससे कर्मचारी बार-बार शिकायत करने की जरूरत महसूस न करें। मानदेय अब महंगाई के आधार पर स्वतः बढ़ेगा। इससे शिक्षामित्रों, अनुदेशकों, बेसिक और एडेड कॉलेज के शिक्षकों, रसोइयों और स्व-वित्त पोषित संस्थाओं के शिक्षकों को समान रूप से लाभ मिलेगा।

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कैशलेस चिकित्सा सुविधा:

लंबे समय से यह मांग रही थी कि शिक्षा मित्रों, अनुदेशकों और अन्य संविदा कर्मियों को राजकीय शिक्षकों की भांति कैशलेस चिकित्सा सुविधा प्रदान की जाए। मुख्यमंत्री ने इस विषय पर सभी वैधानिक व्यवस्थाओं को दुरुस्त किया और अब शिक्षकों को कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों में भी कैशलेस चिकित्सा सुविधा उपलब्ध होगी।

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एनपीएस और पिछली पेंशन व्यवस्था:

श्रीचंद शर्मा ने बताया कि न्यू पेंशन स्कीम (NPS) 2005 में लागू हुई थी और 2017 तक कई कर्मचारियों के खाते में योगदान नहीं जमा हुआ था। पिछली सरकारों (सपा और बसपा) के कार्यकाल में यह राशि जमा नहीं की गई थी। वर्तमान सरकार ने उनके खाते में पिछला बकाया जमा किया और साथ ही नए योगदान की व्यवस्था भी लागू की। उन्होंने बताया कि जनवरी 2017 से पूर्व के बकाया और वर्तमान योगदान दोनों को नियमित रूप से जमा किया जा रहा है।

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कमेटी गठन और समस्या का समाधान:

श्रीचंद शर्मा ने कहा कि शिक्षामित्रों और अनुदेशकों की समस्याओं को हल करने के लिए कमेटी का गठन किया गया है। इस कमेटी के माध्यम से मानदेय वृद्धि और अन्य सुविधाओं की प्रक्रिया जल्द पूरी होगी। उन्होंने कर्मचारियों को भरोसा दिलाया कि समय लग सकता है, लेकिन ज्यादा देर नहीं होगी। सभी आवश्यक कदम तय समय सीमा के भीतर उठाए जाएंगे।

श्रीचंद शर्मा ने अंत में यह स्पष्ट किया कि हमारी सरकार की प्राथमिकता है कि सभी संविदा कर्मियों के अधिकारों और सुविधाओं की रक्षा हो। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्र सरकार की नीतियों के अनुरूप प्रदेश में सभी वर्गों को लाभ देने का प्रयास जारी है। इससे उत्तर प्रदेश के संविदा कर्मियों में खुशी और आशा का माहौल बना हुआ है।

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