कानपुर: शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE) के तहत गरीब और कमजोर वर्ग के बच्चों को प्रवेश न देने वाले दो निजी विद्यालयों पर शिक्षा विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह के निर्देश पर गोविंदनगर और केशवपुरम स्थित दो स्कूलों के यू-डायस (U-DISE) नंबर निलंबित कर दिए गए हैं।
बेसिक शिक्षा विभाग के अनुसार, गोविंद नगर स्थित स्कूल में नियति मिश्र और प्रनय सोनी को दिसंबर 2024 और जनवरी 2025 में तथा केशवपुरम स्थित स्कूल में दिव्यम श्रीवास्तव, मानवेन्द्र और मोहम्मद रेयान अख्तर को प्रवेश आवंटित किया गया था। लेकिन बार-बार नोटिस, निरीक्षण और चेतावनियों के बावजूद दोनों स्कूलों ने बच्चों को दाखिला नहीं दिया।
जानकारी के मुताबिक, गोविंद नगर के विद्यालय में इस वर्ष RTE के तहत 30 में से केवल 12 और केशवपुरम के स्कूल में 35 में से सिर्फ 7 बच्चों को ही प्रवेश दिया गया। जिलाधिकारी ने अभिभावकों की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए बीएसए को कार्रवाई के निर्देश दिए, जिसके बाद दोनों स्कूलों के U-DISE नंबर निलंबित कर दिए गए।
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अब मान्यता निरस्तीकरण की कार्रवाई शुरू होगी
बीएसए सुरजीत कुमार सिंह ने बताया कि U-DISE नंबर विद्यालय की शैक्षणिक पहचान होता है। इसके निलंबित होने से स्कूल सरकारी योजनाओं से वंचित हो जाते हैं, नए विद्यार्थियों का पंजीकरण रुक जाता है और मान्यता निरस्तीकरण की प्रक्रिया शुरू हो जाती है।उन्होंने बताया कि वर्तमान सत्र में 712 विद्यालयों में कुल 4663 बच्चों का RTE के तहत प्रवेश कराया गया है। जिले में इस योजना का लाभ वर्तमान में 16 हजार से अधिक बच्चे उठा रहे हैं।
जिलाधिकारी बोले — “वंचित बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना हर स्कूल की जिम्मेदारी”
जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि आरटीई का उद्देश्य वंचित वर्ग के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना है। विद्यालयों को चाहिए कि वे इस सामाजिक जिम्मेदारी को निभाएं, अन्यथा नियमानुसार कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी।
 
