गलत पदोन्नति पर छह आईटीआई प्रधानाचार्य होंगे पदावनत, फिर बनेंगे अनुदेशक


लखनऊ: उत्तर प्रदेश के छह राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) के प्रधानाचार्यों को अनुदेशक के पद पर पदावनत किया जाएगा। इन सभी ने दूरस्थ शिक्षा से बीटेक की डिग्री प्राप्त की थी और उसी आधार पर गलत तरीके से प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नति पाई थी। कोर्ट के निर्देश पर प्रशिक्षण निदेशालय ने कार्रवाई करते हुए व्यावसायिक शिक्षा विभाग को इन प्रधानाचार्यों को पदावनत करने का प्रस्ताव भेज दिया है।

निदेशक अभिषेक सिंह की ओर से व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता विभाग के प्रमुख सचिव को भेजे गए प्रस्ताव में बताया गया है कि जिन छह जिलों के आईटीआई प्रधानाचार्य पदावनत होंगे, उनमें चंदौली, मेरठ, बदायूं, संतकबीरनगर, बागपत और कासगंज शामिल हैं।

सूत्रों के अनुसार, पहले 18 प्रधानाचार्य जांच के दायरे में थे, लेकिन जांच पूरी होने के बाद छह अधिकारियों को दोषी पाया गया है। इन सभी को अब पुनः अनुदेशक के पद पर भेजा जाएगा।

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आईटीआई में बदलेगा छात्रों की ट्रेनिंग का तरीका

उत्तर प्रदेश के आईटीआई संस्थानों में अब प्रशिक्षण का तरीका पूरी तरह आधुनिक होने जा रहा है। केंद्र सरकार की ‘नेशनल स्कीम फॉर अपग्रेडेशन ऑफ ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट’ और ‘नेशनल सेंटर्स ऑफ एक्सीलेंस फॉर स्किलिंग’ योजनाओं के तहत यह बदलाव किया जाएगा। इसके लिए राज्य स्तरीय संचालन समिति गठित कर दी गई है।

अब प्रशिक्षण पुराने ढर्रे की मशीनों और कोर्स से आगे बढ़कर उद्योगों की वर्तमान जरूरतों के अनुरूप होगा। छात्रों को नई तकनीक, आधुनिक उपकरणों और इंडस्ट्री आधारित प्रैक्टिकल ट्रेनिंग दी जाएगी।

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दक्ष वाहन चालक तैयार करने की पहल

प्रदेश में अच्छे ड्राइवर तैयार करने के लिए आईटीआई में मॉडर्न ट्रेनिंग स्कूल स्थापित किए जाएंगे। इनमें विद्यार्थियों को थ्री-डी ड्राइविंग सिम्युलेटर की मदद से हल्के और भारी वाहनों को चलाने की तकनीकी जानकारी दी जाएगी। बाद में उन्हें फील्ड ट्रेनिंग भी दी जाएगी ताकि वे दक्ष चालक बन सकें।

प्रदेश में पर्यटन और ट्रैवलिंग एप के बढ़ते उपयोग को देखते हुए प्रशिक्षित ड्राइवरों की मांग तेज़ी से बढ़ रही है। इसे ध्यान में रखते हुए आईटीआई संस्थानों को अब ड्राइवर प्रशिक्षण का हब बनाने की तैयारी चल रही है।

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