शिक्षामित्रों के मानदेय वृद्धि पर क्या बोले शिक्षक संघ के अध्यक्ष दिनेश शर्मा


उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्र लंबे समय से मानदेय वृद्धि की मांग कर रहे हैं। महंगाई के दौर में मात्र दस हजार रुपये के मानदेय पर परिवार का भरण-पोषण करना उनके लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है। आठ वर्षों से मानदेय वृद्धि का मुद्दा लगातार उठता रहा है, लेकिन अभी तक ठोस निर्णय नहीं लिया गया है।

इसी मुद्दे को लेकर प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि उत्तर प्रदेश जहां देश को सबसे अधिक सांसद देकर केंद्र की सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाता है, वहीं दुख की बात है कि यहीं के शिक्षामित्रों को सबसे कम मानदेय मिलता है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बावजूद संगठन की ओर से लगातार यह मांग की जाती रही है कि शिक्षामित्रों को कम से कम शिक्षक का प्रारंभिक वेतन तो दिया ही जाना चाहिए।

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प्रदेश अध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि संगठन हर स्तर पर शिक्षामित्रों की आवाज उठाता रहा है, चाहे वह धरना हो या प्रदर्शन। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की हाल ही में शिक्षक दिवस पर की गई घोषणा का उल्लेख करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने शिक्षामित्रों को कैशलेस चिकित्सा सुविधा देने और मानदेय वृद्धि का संकेत दिया है।

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उन्होंने विश्वास जताया कि मुख्यमंत्री जो भी कहते हैं, उस पर अमल अवश्य होता है। साथ ही बताया कि इस विषय पर कमेटी का गठन किया गया है और उम्मीद है कि जल्द ही सरकार सम्मानजनक मानदेय वृद्धि का निर्णय लेगी, ताकि शिक्षामित्र अपने परिवार का भरण-पोषण सम्मानपूर्वक कर सकें।

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