शिक्षिकाओं की नौकरी फर्जी नियुक्ति प्रकरण में रद्द, HC के संज्ञान में लेने पर की गई कार्रवाई


आजमगढ़: सगड़ी तहसील के सरदहां स्थित श्रीमती परमा देवी जायसवाल बालिका विद्यालय में पांच शिक्षिकाओं की फर्जी नियुक्ति का मामला हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद कार्रवाई की जद में आ गया है। शिक्षा निदेशक (बेसिक) प्रताप सिंह बघेल ने इन नियुक्तियों को निरस्त कर दिया है। साथ ही दोषी प्रबंधक, वेतन जारी करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों के विरुद्ध भी नियमानुसार कार्रवाई का आदेश दिया है।

विद्यालय में नियुक्तियों में अनियमितता उजागर होने पर बीएसए राजीव पाठक ने जांच रिपोर्ट के आधार पर सिधारी थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। बावजूद इसके शिक्षिकाएं विद्यालय जाती रहीं और उनका वेतन भी जारी होता रहा। अगस्त में बीएसए ने पत्र जारी कर विद्यालय जाने से रोक दिया, लेकिन इसी बीच एक शिक्षिका ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। मामले में हाईकोर्ट ने शिक्षा निदेशक (बेसिक) को तलब किया, जिसके बाद निदेशक ने नियुक्तियों को निरस्त कर कार्रवाई शुरू कर दी।

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शिकायत नव जागृति सेवा संस्थान की ओर से की गई थी, जिसके आधार पर संयुक्त शिक्षा निदेशक माध्यमिक ने जांच की। जांच रिपोर्ट में पांच शिक्षिकाओं– नमिता जायसवाल, चंदा शुक्ला, उर्मिला यादव, वंदना यादव और सुमन यादव की नियुक्ति फर्जी पाई गई। इसी आधार पर 12 मार्च को मुकदमा दर्ज हुआ।

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शिक्षिकाओं की नियुक्ति रद्द करने के साथ ही दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों पर भी गाज गिरी है। प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए विद्यालय प्रबंधक जयकिशन लाल गुप्त, बीएसए कार्यालय के वरिष्ठ सहायक रमेश यादव, मंडलीय शिक्षा निदेशक वैयत्तिक सहायक रामबचन यादव, समग्र शिक्षा अभियान के डिस्पैचर बृजेश विश्वकर्मा, तत्कालीन प्रभारी बीएसए एवं सहायक शिक्षा निदेशक बेसिक मनोज कुमार मिश्र, तत्कालीन बीएसए समीर, तत्कालीन वित्त एवं लेखाधिकारी सुरेंद्र प्रसाद बरनवाल, तत्कालीन लेखाकार अजय कुमार और वर्तमान बीएसए राजीव पाठक के विरुद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी राजीव पाठक ने बताया कि “इस प्रकरण में मुझे भी कारण बताओ नोटिस जारी हुआ था। फिलहाल पांचों शिक्षिकाओं की नियुक्ति निरस्त कर दी गई है और मामले में कोई कार्रवाई शेष नहीं है।”

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