शिक्षकों पर अब राशन वितरण की जिम्मेदारी, पढ़ाई के साथ निभाना होगा नया दायित्व


भनवापुर: परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों पर गैर शैक्षणिक कार्यों का बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है। अब इन्हें बच्चों को पढ़ाने के साथ-साथ कोटेदारों के यहां बैठकर राशन वितरण कराने का कार्य भी सौंपा गया है। यह जिम्मेदारी पहले ग्राम पंचायत सचिवों और लेखपालों को दी जाती थी, लेकिन अब 76 शिक्षकों को इस कार्य में नोडल अधिकारी बनाया गया है।

जिलाधिकारी कार्यालय से जारी पत्र के अनुसार, जून माह का राशन वितरण कार्य 20 जून से 10 जुलाई तक किया जाएगा। पूर्ति निरीक्षक राशन दुकानों पर खाद्यान्न की उपलब्धता की सूचना मोबाइल के माध्यम से व्हाट्सएप या एसएमएस द्वारा देंगे। इसके बाद नामित शिक्षक, कोटेदारों के पास जाकर वितरण सुनिश्चित कराएंगे।

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चिंता की बात यह है कि जहां पहले ही शिक्षकों की भारी कमी के चलते 50 से कम छात्र संख्या वाले विद्यालयों को बंद कर पास के विद्यालयों में समायोजित किया जा रहा है, वहीं बचे हुए शिक्षकों से भी पढ़ाई के अलावा ऐसे कार्य कराए जा रहे हैं जो उनकी मूल जिम्मेदारी से इतर हैं।

इतना ही नहीं, इन शिक्षकों को राशन वितरण का ऑफलाइन डाटा भी 48 घंटे के भीतर एनआईसी को भेजना होगा। यह कार्य सुबह 6 बजे से रात 9 बजे तक चलेगा, जिससे शिक्षकों पर अतिरिक्त मानसिक व शारीरिक दबाव बढ़ने की आशंका है।

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शिक्षक संगठनों ने इस फैसले पर नाराजगी जताई है और इसे शिक्षा के स्तर को प्रभावित करने वाला कदम बताया है। अब देखना होगा कि प्रशासन इस पर क्या रुख अपनाता है।

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