बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव (ACS) डॉ. एस. सिद्धार्थ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्होंने 17 जुलाई को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) के तहत अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भेजा था। अब मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद ही इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
डॉ. एस. सिद्धार्थ का कार्यकाल हमेशा चर्चा में रहा है। वे 1991 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और इस साल नवंबर में रिटायर होने वाले थे। उन्होंने सरकारी स्कूलों में छात्र उपस्थिति बढ़ाने और शिक्षकों की हाजिरी सुनिश्चित करने के लिए सख्त कदम उठाए। वे अक्सर वीडियो कॉल के माध्यम से स्कूलों की निगरानी करते थे। उनकी छवि एक सख्त और तेज-तर्रार अधिकारी की रही है।
डॉ. सिद्धार्थ की कार्यशैली को लेकर अक्सर चर्चा होती रही है। वे आम जनता के बीच जाकर संवाद करते थे, यहां तक कि चाय की दुकानों पर लोगों से बातें करना और खुद मिठाई बनाना भी उनकी पहचान का हिस्सा रहा है।
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इस्तीफे की खबर सामने आने के बाद से प्रशासनिक हलकों में हलचल मच गई है। हालांकि, सरकार की ओर से अब तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि उन्होंने निजी कारणों से यह निर्णय लिया है।
चुनावी राजनीति में एंट्री की अटकलें
डॉ. सिद्धार्थ के इस्तीफे के बाद अब यह अटकलें भी लगाई जा रही हैं कि वे इस साल के अंत में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में हिस्सा ले सकते हैं। कुछ रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि वे नवादा जिले की किसी सीट से जनता दल यूनाइटेड (JDU) के टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं। हालांकि, इस संबंध में अभी तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।गौरतलब है कि इससे पहले एक अन्य वरिष्ठ आईएएस अधिकारी दिनेश कुमार राय ने भी वीआरएस लिया था, जिससे यह संकेत मिलते हैं कि आने वाले चुनाव से पहले कई प्रशासनिक अधिकारी राजनीति में कदम रख सकते हैं.