शिक्षामित्रों के लिए 27 अक्टूबर का दिन अहम! सुनवाई में हो सकता है बड़ा फैसला!


उत्तर प्रदेश के लाखों शिक्षामित्रों के लिए 27 अक्टूबर का दिन बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। लंबे समय से सरकार और अदालत के बीच उलझे इस मामले की सुनवाई अब निर्णायक मोड़ पर पहुंचने वाली है।

दरअसल, पिछली सुनवाई में कोर्ट ने सरकार को स्पष्ट निर्देश दिए थे कि अगली तारीख यानी 27 अक्टूबर को सभी आवश्यक दस्तावेजों और रिपोर्टों के साथ अदालत में पेश होना होगा। साथ ही यह भी कहा गया था कि शिक्षामित्रों की समस्याओं के समाधान को लेकर ठोस कदम उठाए जाएं।

पिछले कई वर्षों से शिक्षामित्र अपनी सेवाओं के स्थायीकरण और सम्मानजनक व्यवस्था की मांग कर रहे हैं। सरकार की ओर से कई बार आश्वासन तो मिला, लेकिन अदालत में बार-बार समय मांगने की वजह से मामला लटकता गया। कभी कहा गया कि विभागीय समीक्षा करनी है, तो कभी कमेटी की रिपोर्ट का इंतजार बताया गया।

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इस बीच शिक्षामित्र संगठनों — उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ और आदर समायोजित शिक्षक शिक्षा मित्र वेलफेयर एसोसिएशन — दोनों ने लगातार शासन-प्रशासन से वार्ता की है। दीपावली के अवसर पर भी संगठन के पदाधिकारी लखनऊ में मौजूद रहे और वरिष्ठ अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों से मुलाकात की।

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फिर भी कोई ठोस परिणाम सामने नहीं आया, जिससे शिक्षामित्रों के बीच निराशा का माहौल बना हुआ है। अब उनकी सारी उम्मीदें 27 अक्टूबर की सुनवाई पर टिकी हैं।

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इस बार कोर्ट ने सरकार को सख्त निर्देश दिए हैं कि चाहे पुनर्विचार हो या विभागीय समन्वय — सभी प्रक्रियाएं पूरी कर अंतिम प्रस्ताव अदालत में रखा जाए। ऐसे में माना जा रहा है कि यह सुनवाई शिक्षामित्रों के भविष्य को दिशा देने वाली साबित हो सकती है।

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अब देखना होगा कि 27 अक्टूबर की सुनवाई में सरकार की ओर से क्या रुख अपनाया जाता है और क्या सच में शिक्षामित्रों के जीवन में खुशियों की किरण जगती है।

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