उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के मर्जर नियमों में एक बार फिर बदलाव किया गया है। अब 50 से कम छात्र संख्या वाले विद्यालयों की पेयरिंग (मर्जर) की सीमा एक किलोमीटर से बढ़ाकर तीन किलोमीटर कर दी गई है। अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा दीपक कुमार ने इस संबंध में आदेश जारी किया है।
जुलाई में प्रदेश के 50 से कम छात्र संख्या वाले 5000 से अधिक स्कूलों के मर्जर को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया था। समाजवादी पार्टी ने इसे मुद्दा बनाकर कई स्थानों पर पीडीए पाठशाला शुरू कर दी थी। इसके बाद सरकार ने नियम बदलते हुए कहा था कि मर्जर केवल एक किलोमीटर के दायरे में ही होगा। हालांकि, अभिभावकों का आरोप था कि कई स्थानों पर बच्चों का मर्जर तीन से पांच किलोमीटर दूर स्थित विद्यालयों में कराया गया है।
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बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह ने उस समय यह दावा किया था कि पांच हजार विद्यालयों का मर्जर एक किलोमीटर के दायरे में ही किया गया है। अब विभाग ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के निर्देशों के आधार पर इस नियम को संशोधित किया है।
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नए प्रावधान के तहत अब 50 से कम छात्र संख्या वाले विद्यालयों की पेयरिंग एक किलोमीटर की बजाय तीन किलोमीटर की सीमा के भीतर की जाएगी।