हाईकोर्ट ने शिक्षकों के स्थानांतरण-समायोजन पर बेसिक शिक्षा विभाग से चार सप्ताह में जवाब मांगा


इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षकों के स्थानांतरण और समायोजन से जुड़े आदेश पर सवाल उठाते हुए विभाग से चार सप्ताह में जवाब मांगा है। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 6 अक्तूबर की तिथि तय की है। यह आदेश न्यायमूर्ति मंजूरानी चौहान की एकलपीठ ने प्रयागराज निवासी अंशुमान सिंह व अन्य की याचिका पर दिया।

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याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी ने दलील दी कि बेसिक शिक्षा परिषद ने 26 जून को शिक्षकों के स्थानांतरण व समायोजन का आदेश जारी किया था। इसके अनुपालन में प्रयागराज के बीएसए ने एक जुलाई को स्थानांतरण आदेश भी जारी कर दिया। इसमें प्राइमरी स्कूलों में हेड मास्टर के पद पर कार्यरत कई अध्यापकों को अपर प्राइमरी स्कूलों में सहायक अध्यापक के पद पर प्रोन्नत कर दिया गया।

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अधिवक्ता ने कहा कि यह प्रक्रिया राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) के नियमों के खिलाफ है। एनसीटीई ने 11 सितंबर 2023 को अधिसूचना जारी कर स्पष्ट किया था कि अपर प्राइमरी स्कूलों में प्रोन्नति के लिए अपर टीईटी उत्तीर्ण करना अनिवार्य है। इसके बावजूद हेड मास्टरों को सीधे अपर प्राइमरी स्कूलों में सहायक अध्यापक बना दिया गया है।

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कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए विभाग से विस्तृत जवाब तलब किया है और सुनवाई की अगली तिथि 6 अक्तूबर तय की है।

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