Patna बाढ़ अनुमंडल से एक अनोखी और प्रेरणादायक प्रेम कहानी सामने आई है। लखीसराय जिले के मनोहरपुर गांव के रहने वाले और हाल ही में BPSC से चयनित शिक्षक प्रवीण कुमार का एक साल से सुषमा कुमारी से प्रेम संबंध था।
19 जुलाई को जब प्रवीण सुषमा से मिलने पहुंचे, तो बात उनके घरवालों तक पहुंच गई। सुषमा के परिजनों ने दोनों की रजामंदी से तुरंत शादी कराने का फैसला किया। इसके बाद बाढ़ के प्रसिद्ध बाबा अलखनाथ मंदिर में हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार दोनों का विवाह संपन्न कराया गया।
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बिना दहेज की मिसाल
यह शादी बिना किसी दहेज के संपन्न हुई, जो बिहार जैसे राज्य में आज भी एक बड़ी बात मानी जाती है। इस अवसर पर सुषमा के परिजन और ग्रामीणों की उपस्थिति रही। प्रवीण कुमार ने कहा कि वे हमेशा से दहेज के खिलाफ थे और अपने घर की व्यवस्था पूरी करने के बाद विवाह की योजना बना रहे थे, लेकिन परिवार के निर्णय को उन्होंने सहर्ष स्वीकार किया।
सुषमा ने भी इस विवाह पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि परिवार ने जो कदम उठाया, वह पूरी तरह सही और समयानुकूल था। मंदिर में मौजूद ग्रामीणों और रिश्तेदारों ने नवविवाहित जोड़े को आशीर्वाद दिया और इस सामाजिक पहल की सराहना की।
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दहेज प्रथा के खिलाफ एक सकारात्मक संदेश
बिहार में हाल ही में हुई BPSC शिक्षकों की नियुक्ति के बाद दहेज की मांगों में अचानक 40% तक की वृद्धि देखी गई थी। ऐसे समय में प्रवीण और सुषमा की यह शादी समाज में एक नई सोच और बदलाव की दिशा में बड़ा कदम मानी जा रही है।
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यह कहानी यह भी दर्शाती है कि यदि समाज ठान ले तो पुराने रीति-रिवाजों और सामाजिक कुरीतियों को जड़ से मिटाया जा सकता है।