चार जिलों में ट्रांसफर पर लगी रोक, शासन ने बताई वजह


प्रदेश में शिक्षक-छात्र अनुपात को संतुलित रखने की कवायद के बीच 15 जिलों में शुरू हुई अंतरजनपदीय तबादला प्रक्रिया में अब स्पष्टता आ गई है। बेसिक शिक्षा विभाग ने बताया है कि बांदा, हमीरपुर, जालौन और ललितपुर में तबादले इसलिए नहीं किए गए क्योंकि इससे वहां शिक्षक-छात्र अनुपात बिगड़ने की आशंका थी।

विभागीय निदेशक प्रताप सिंह बघेल ने कहा कि तबादला नीति की घोषणा के समय ही स्पष्ट किया गया था कि जहां शिक्षक-छात्र अनुपात प्रभावित होगा, वहां तबादले नहीं किए जाएंगे। यही कारण है कि इन चार जिलों से किसी भी शिक्षक का तबादला नहीं हुआ। श्रावस्ती से भी किसी शिक्षक ने स्वेच्छा से तबादले के लिए आवेदन नहीं किया, इसलिए वहां से भी कोई तबादला नहीं हुआ।

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हालांकि बाकी 11 जिलों में तबादले की प्रक्रिया पूरी की गई है। विभाग के अनुसार इन जिलों में कुल 543 शिक्षकों को तबादला मिला है।

24 जून तक कार्यभार ग्रहण अनिवार्य

तबादला पाए शिक्षकों को 24 जून तक कार्यमुक्त होकर नए विद्यालयों में कार्यभार ग्रहण करना अनिवार्य किया गया है। विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि जिन शिक्षकों पर कोई विभागीय जांच लंबित है, उन्हें कार्यमुक्त नहीं किया जाएगा। इसके साथ ही नए जिले में तैनात होने वाले शिक्षक वरिष्ठता सूची में सबसे नीचे माने जाएंगे और इसके लिए उनसे शपथपत्र लिया जाएगा।

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शिक्षामित्रों का डाटा होगा अपडेट

विभाग जल्द ही शिक्षामित्रों की मूल विद्यालय में वापसी की प्रक्रिया भी शुरू करने जा रहा है। इसके लिए स्कूल शिक्षा महानिदेशक कंचन वर्मा ने सभी बीएसए को निर्देश दिया है कि वे मानव संपदा पोर्टल पर शिक्षामित्रों का डाटा अपडेट करें। इसमें नाम, पहली तैनाती, वर्तमान विद्यालय, जन्मतिथि आदि की जानकारी देनी होगी। डाटा में किसी प्रकार की त्रुटि की जिम्मेदारी संबंधित बीएसए की होगी, जिन्हें प्रमाण पत्र भी देना होगा।

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