एटा: जिले के 350 परिषदीय विद्यालयों में बुधवार से ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान ‘मस्ती की पाठशाला’ की शुरुआत हो गई। यह आयोजन बच्चों के लिए बिना बैग और किताबों के दो घंटे की मस्ती और रचनात्मकता का संगम बनकर सामने आया। खाली हाथ स्कूल पहुंचे बच्चों ने खेलकूद, योग और रचनात्मक गतिविधियों में जमकर हिस्सा लिया।
पहले दिन बच्चों के मन में कुछ शंकाएं थीं, लेकिन जैसे ही शिक्षकों ने उन्हें खेल और अन्य मजेदार गतिविधियों के लिए प्रेरित किया, बच्चों का उत्साह देखते ही बना। योग अभ्यास के साथ शुरू हुए इस समर कैंप में कैरम, सांप-सीढ़ी, चित्रकला, पौधरोपण जैसी गतिविधियों ने बच्चों को खूब लुभाया।
बच्चों ने लगाए पौधे, सीखी चित्रकला
सकीट क्षेत्र के उच्च प्राथमिक विद्यालय सकीट संविलियन में बच्चों ने गमलों में पौधे लगाए और फिर कैरम खेला। शिक्षामित्र मंजुलता वार्ष्णेय और रजनी रानी ने बच्चों का उत्साहवर्धन किया। वहीं जलेसर क्षेत्र के उच्च प्राथमिक विद्यालय नगला धनीराम में बच्चों को चित्रकला की शिक्षा दी गई। बच्चों ने रंग-बिरंगे चित्र बनाकर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।मिल रही ठंडक और ताजगी
कई विद्यालयों में शिक्षकों ने बच्चों को कोल्डड्रिंक भी पिलाई, जिससे गर्मी के बीच बच्चों को राहत मिली और उनके चेहरे खिल उठे। छुट्टी के समय बच्चों ने शिक्षकों से कहा, "सर, आज तो मजा आ गया, कल फिर आएंगे।"ये भी पढ़ें: माइग्रेन से राहत के रामबाण उपाय: बार-बार सिर दर्द से हैं परेशान तो आजमाएं ये टिप्स
शिक्षामित्रों को मिलेगा भत्ता
बेसिक शिक्षा अधिकारी दिनेश कुमार ने बताया कि समर कैंप में ड्यूटी कर रहे शिक्षामित्रों और अनुदेशकों को ₹6,000 का विशेष भत्ता दिया जाएगा। इसके अलावा, शिविर की गतिविधियों में होने वाले सभी खर्चों का वहन भी सरकार करेगी।यह मस्ती की पाठशाला 10 जून तक जारी रहेगी, जिसमें बच्चों को सीखने का नया अनुभव मिलेगा—मौज मस्ती के साथ।