बिहार के स्कूलों में पढ़ाएंगे स्वयंसेवक, जानें कितना मिलेगा पैसा? जानकर हैरा हो जाएंगे आप


पटना: बिहार के सरकारी विद्यालयों में कक्षा पांचवीं और छठी के ऐसे बच्चों की पहचान की जाएगी, जो अब तक संख्याओं को पहचानने और जोड़-घटाव जैसे बुनियादी गणितीय कौशल नहीं सीख पाए हैं। इन बच्चों को गर्मी की छुट्टियों के दौरान समर कैंप के माध्यम से गणित सिखाया जाएगा।

दो जून से शुरू होंगी कक्षाएं, नहीं मिलेगा मानदेय

यह समर कैंप दो जून से शुरू होकर 20 जून तक चलेगा। इसमें प्रतिदिन एक से डेढ़ घंटे तक पढ़ाई कराई जाएगी। शिक्षण का कार्य स्वयंसेवक करेंगे, जिन्हें इसके लिए कोई मानदेय नहीं मिलेगा। स्वयंसेवकों की न्यूनतम आयु 18 वर्ष तथा शैक्षणिक योग्यता मैट्रिक पास होना आवश्यक है।

एक लाख टोलों में लगेंगे कैंप

शिक्षा विभाग एवं स्वयंसेवी संस्था 'प्रथम' के सहयोग से लगभग एक लाख गांव-टोलों में इन गणितीय समर कैंपों का आयोजन किया जाएगा। हर कैंप में एक स्वयंसेवक 10 से 15 बच्चों को पढ़ाएगा। इन स्वयंसेवकों का चयन 'प्रथम' संस्था करेगी।

डिजिटल दक्षता आवश्यक, यूट्यूब-गूगल टूल्स की मिलेगी ट्रेनिंग

स्वयंसेवकों के लिए जरूरी है कि वे गणित एवं भाषा में दक्ष हों और स्मार्टफोन चलाने में सक्षम हों। उन्हें यूट्यूब, गूगल लेंस, गूगल ट्रांसलेट, जीमेल, गूगल मैप्स, जेमिनि एआई टूल और गूगल सर्च जैसे डिजिटल टूल्स की ट्रेनिंग दी जाएगी।

समर कैंप की निगरानी और ऑनलाइन ट्रैकिंग

कक्षाओं का संचालन सुबह सात से नौ बजे अथवा शाम पांच से सात बजे बच्चों की सुविधा अनुसार किया जाएगा। कैंप की गतिविधियों की निगरानी जिला, प्रखंड और ग्राम स्तर के सरकारी अधिकारी एवं 'प्रथम' की टीम करेगी। साथ ही, बच्चों की प्रगति की ऑनलाइन ट्रैकिंग भी की जाएगी। 21 जून को समर कैंप में शामिल बच्चों का अंतिम मूल्यांकन किया जाएगा।

20 से 30 मई तक होगी तैयारी

शिक्षा विभाग के अनुसार समर कैंप की तैयारी 20 से 30 मई के बीच पूरी कर ली जाएगी। इसके तहत स्वयंसेवकों को समर कैंप की गतिविधियों और शिक्षण सामग्री का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।

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