उत्तर प्रदेश में स्कूल संचालन को लेकर शिक्षा विभाग का आदेश जारी, जानिए पूरी गाइडलाइन


लखनऊ — उत्तर प्रदेश के शिक्षा विभाग ने राज्य के सभी परिषदीय, सहायता प्राप्त एवं मान्यता प्राप्त प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के संचालन को लेकर विस्तृत आदेश जारी किया है। आदेश के अनुसार, गर्मी की छुट्टियों की अवधि 15 जून 2025 तक निर्धारित की गई है। इसके बाद 16 जून से विद्यालय खोले जाएंगे, लेकिन इस दौरान केवल शिक्षकों एवं शिक्षणेतर कर्मचारियों की उपस्थिति अनिवार्य रहेगी। छात्रों के लिए कक्षाएं 1 जुलाई 2025 से प्रारंभ होंगी।

शिक्षा निदेशक (बेसिक), उत्तर प्रदेश, लखनऊ की ओर से जारी इस आदेश में सभी मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशकों, बेसिक शिक्षा अधिकारियों, खंड शिक्षा अधिकारियों, बीआरसी समन्वयकों, प्रधानाध्यापकों, शिक्षामित्रों, अनुदेशकों और रसोइयों को निर्देशित किया गया है कि वे निर्धारित तिथि से विद्यालय में उपस्थित रहें और आगामी शैक्षणिक सत्र की तैयारी सुनिश्चित करें।

16 जून से 30 जून तक का समय विद्यालयों में शिक्षण-सत्र पूर्व तैयारी हेतु निर्धारित किया गया है। इस दौरान शिक्षकों को विद्यालय की साफ-सफाई, भवन की मरम्मत, कक्षाओं की व्यवस्था, पेयजल, शौचालय, ब्लैकबोर्ड, पुताई, दीवार लेखन, प्रवेश द्वार की सज्जा और अन्य आधारभूत सुविधाओं को बेहतर करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही यह सुनिश्चित किया जाएगा कि 1 जुलाई को जब छात्र विद्यालय आएं, तो उन्हें एक सुरक्षित, स्वच्छ और प्रेरक वातावरण प्राप्त हो।

16 जून से 30 जून तक के बीच सभी बच्चों के नामांकन, छात्रवृत्ति सत्यापन, आधार संख्या और बैंक खाता अद्यतन, प्रेरणा पोर्टल पर विवरण अपलोडिंग, डिवाइस टैगिंग, रीडिंग कैम्पेन की प्रगति रिपोर्ट, FLN लक्ष्य पूर्ति की समीक्षा और शिक्षण योजना आदि जैसे महत्वपूर्ण कार्य पूरे किए जाएंगे। शिक्षकों को शैक्षणिक कैलेंडर, मूल्यांकन नीति और समय-सारणी की योजना भी इसी अवधि में तैयार करनी होगी।

इसके साथ ही सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र के विद्यालयों में निरीक्षण करने और तैयारियों की समीक्षा करने का निर्देश दिया गया है। इस दौरान वे विद्यालयों में साफ-सफाई, एमडीएम वितरण, शिक्षकों की उपस्थिति, और शैक्षणिक गतिविधियों की स्थिति का मूल्यांकन करेंगे।

शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि 16 जून से शिक्षक, शिक्षामित्र, अनुदेशक एवं शिक्षणेतर कर्मचारियों की उपस्थिति अनिवार्य रहेगी। अनुपस्थिति की स्थिति में सेवा नियमों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

इस आदेश के माध्यम से यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया गया है कि छात्र जब 1 जुलाई से विद्यालय में पढ़ाई शुरू करें, तो उन्हें एक पूर्ण रूप से तैयार, अनुशासित और प्रेरक शैक्षणिक माहौल प्राप्त हो।

Post a Comment

Previous Post Next Post