आज की तेज़ रफ्तार जिंदगी में शारीरिक और मानसिक थकान आम बात है, लेकिन अगर आप हर समय थके हुए और सुस्त महसूस करते हैं, तो यह केवल नींद की कमी या काम का दबाव नहीं, बल्कि किसी गंभीर बीमारी का संकेत भी हो सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि लगातार थकान शरीर में कई प्रकार की समस्याओं की ओर इशारा करती है, जिन्हें नजरअंदाज करना सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है।
इस लेख में हम आपको बताएंगे कि थकान और कमजोरी के पीछे कौन-कौन सी बीमारियां हो सकती हैं और इससे कैसे बचा जा सकता है।
1. एनीमिया (खून की कमी)
जब शरीर में हीमोग्लोबिन या लाल रक्त कोशिकाएं कम हो जाती हैं, तो उसे एनीमिया कहते हैं। इसकी वजह से शरीर के अंगों तक ऑक्सीजन की आपूर्ति कम हो जाती है, जिससे थकान, चक्कर, सांस फूलना जैसी दिक्कतें होती हैं। खासकर महिलाओं में यह समस्या आयरन की कमी और असंतुलित आहार के कारण अधिक देखने को मिलती है।
क्या करें: आयरन युक्त भोजन जैसे पालक, चुकंदर, गुड़ आदि लें और डॉक्टर की सलाह से आयरन की जांच कराएं।
2. थायराइड डिसऑर्डर
थायराइड ग्रंथि हार्मोन का संतुलन बनाए रखती है, लेकिन जब इसमें गड़बड़ी होती है तो ऊर्जा का स्तर गिरने लगता है। हाइपोथायरायडिज्म में शरीर का मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है, जिससे थकान, वजन बढ़ना, त्वचा का रूखापन और ठंड सहन न होना जैसे लक्षण दिखते हैं।
क्या करें: जांच करवाएं और आयोडीन युक्त नमक व पौष्टिक भोजन का सेवन करें।
3. डायबिटीज
ब्लड शुगर का असंतुलन डायबिटीज की ओर इशारा करता है। शरीर में ग्लूकोज को ऊर्जा में बदलने की प्रक्रिया प्रभावित होती है, जिससे थकान बनी रहती है। साथ ही बार-बार पेशाब आना, प्यास लगना और वजन घटना इसके लक्षण हैं।
क्या करें: संतुलित आहार लें, शुगर लेवल की जांच करवाएं और नियमित रूप से एक्सरसाइज करें।
4. क्रोनिक फटीग सिंड्रोम (CFS)
यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें लंबे समय तक थकान बनी रहती है और आराम करने पर भी सुधार नहीं होता। इसके साथ एकाग्रता में कमी, नींद की गड़बड़ी और मांसपेशियों में दर्द भी होता है।
क्या करें: मानसिक तनाव से बचें, योग करें, नींद का सही समय तय करें और डॉक्टर से सलाह लें।
निष्कर्ष
लगातार थकान को हल्के में लेना गलत हो सकता है। यदि आपके जीवन में आराम करने के बाद भी थकान बनी रहती है, तो जरूरी है कि आप इसका कारण समझें और समय रहते डॉक्टर से संपर्क करें। साथ ही संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और मानसिक तनाव को नियंत्रित करके आप खुद को स्वस्थ रख सकते हैं।
अस्वीकरण: यह लेख जानकारी बढ़ाने के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए डॉक्टर की सलाह जरूर लें।