समर कैम्प में ड्यूटी अनिवार्य नहीं, शिक्षकों को मिलेगा उपार्जित अवकाश


लखनऊ: स्कूलों में समर कैंप आयोजित किए जाने को लेकर शिक्षक संगठनों की आपत्ति के बीच माध्यमिक शिक्षा विभाग ने स्थिति स्पष्ट करते हुए आदेश जारी किया है। विभाग ने बताया कि समर कैंप के आयोजन में शिक्षकों की ड्यूटी अनिवार्य नहीं है और यह पूरी तरह स्वैच्छिक है।

स्कूल शिक्षा महानिदेशक कंचन वर्मा द्वारा 7 मई को जारी आदेश में उल्लेख किया गया है कि ग्रीष्मावकाश के दौरान 21 मई से 10 जून तक चलने वाले समर कैंप में केवल इच्छुक शिक्षकों को ही शामिल किया जाएगा। इन शिक्षकों को नियमानुसार उपार्जित अवकाश प्रदान किया जाएगा, चाहे वे राजकीय विद्यालयों के हों या अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के।

विद्यार्थियों के समर कैंप में भाग लेने के लिए भी स्पष्ट निर्देश हैं कि उनके अभिभावकों से 16 मई से पूर्व लिखित सहमति ली जाए। समर कैंप का उद्देश्य बच्चों को खोज, खेल और जीवन कौशल से जुड़ी गतिविधियों के माध्यम से नई चीजें सिखाना है ताकि वे नियमित पढ़ाई के तनाव से हटकर कुछ नया और रोचक सीख सकें।

विभागीय अधिकारियों के अनुसार, निजी स्कूलों में वर्षों से समर कैंप का आयोजन होता रहा है जिसमें बच्चे खेल, सांस्कृतिक कार्यक्रम, साहित्यिक गतिविधियां और जीवन कौशल सीखते हैं। लेकिन सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों के छात्र इस अनुभव से वंचित रह जाते हैं। इसी कारण इस बार इन स्कूलों में भी समर कैंप कराए जा रहे हैं।

हालांकि, अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों में समर कैंप का आयोजन पूरी तरह से प्रधानाचार्य और शिक्षकों की स्वेच्छा पर निर्भर करेगा।

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