भागलपुर: जिले में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नियोजित शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई का सिलसिला जारी है। निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने भागलपुर प्रक्षेत्र के इंस्पेक्टर के माध्यम से जिले के दो प्रखंडों के सात फर्जी नियोजित शिक्षकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है।
इनमें बिहपुर प्रखंड के बिक्रमपुर गोलपर प्राथमिक विद्यालय के विवेक कुमार, मध्य विद्यालय लत्तीपुर के गोपाल नंदन, मध्य विद्यालय नरकटिया की शिवरानी कुमारी, नाथनगर प्रखंड के मध्य विद्यालय जीतवारपुर के राजेश कुमार मिश्रा और रुबी कुमारी, मध्य विद्यालय शाहपुर राघोपुर की सोनी कुमारी तथा मध्य विद्यालय (कन्या) राघोपुर के नीरज कुमार निराला शामिल हैं।
इन शिक्षकों द्वारा प्रस्तुत किए गए बीटीईटी के अंक पत्रों को बिहार विद्यालय परीक्षा समिति, पटना ने फर्जी करार दिया है। जांच में यह सामने आया है कि इन शिक्षकों ने अन्य अज्ञात व्यक्तियों के साथ मिलकर अंक पत्रों में हेराफेरी की और उन्हें असली दिखाकर अवैध रूप से नियोजन प्राप्त किया।
ये भी पढ़ें: बच्चों का खाना खा गए हेडमास्टर साहब, अब भरना होगा 10 करोड़ से ज्यादा का जुर्माना
पहले ही बंद किया जा चुका है वेतन
निगरानी जांच में पहले भी जिले में 114 फर्जी शिक्षक चिन्हित किए गए थे, जिनमें से अब तक 65 को हटाया जा चुका है। राज्य भर में 2015 से 2023 तक 2126 ऐसे शिक्षकों की पहचान हुई, जिन पर फर्जीवाड़े के आरोप में निगरानी द्वारा मामला दर्ज किया गया।
ये भी पढ़ें: बिहार में 27 मई से शुरू होगा 1.20 लाख शिक्षकों का तबादला, ऐसे होगा स्कूल आवंटन
डीपीओ (स्थापना) के अनुसार, फर्जी प्रमाणपत्र के आधार पर नियोजित इन शिक्षकों का वेतन पहले बंद किया जाएगा। इसके बाद उन्हें सेवा से हटाने के लिए संबंधित नियोजन इकाई को पत्र भेजा जाएगा।
यह मामला एक गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है और निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की यह कार्रवाई भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी चेतावनी मानी जा रही है।