Lucknow: प्रदेश सरकार का बजट सत्र 18 फरवरी से शुरू होने जा रहा है, जिसमें 20 फरवरी को वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए बजट पेश किया जाएगा। इस सत्र में कर्मचारियों से जुड़ी कई मांगों को शामिल करने के लिए राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने वित्त मंत्री सुरेश खन्ना को सुझाव भेजे हैं।
परिषद के अध्यक्ष जेएन तिवारी ने बताया कि प्रदेश में कार्यरत 5 लाख से अधिक आउटसोर्स कर्मियों का शोषण हो रहा है। उन्होंने सरकार से न्यूनतम मानदेय तय करने की मांग की, ताकि इन कर्मियों को उचित वेतन मिल सके। साथ ही, बजट सत्र में उनके मानदेय पर नगर प्रतिकर और परिवहन भत्ते को भी बहाल करने का निर्णय लेने का सुझाव दिया गया है।
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संयुक्त परिषद ने यह भी प्रस्ताव दिया है कि प्रदेश के संविदा कर्मियों के लिए नियमावली बनाकर उन्हें नियमित किया जाए। इसके अलावा, पुरानी पेंशन योजना के विकल्प खोलने, यूपीएस के तहत कर्मचारियों से अंशदान की वसूली बंद करने, जीपीएफ व्यवस्था लागू करने, वेतन आयोग के गठन, पेंशन पुनरीक्षण और महंगाई राहत देने की भी मांग की गई है।
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परिषद को उम्मीद है कि सरकार इन सुझावों पर सकारात्मक निर्णय लेकर कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति में सुधार करेगी।