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आजकल अचानक मौत की खबरें तेजी से बढ़ रही हैं। कभी जिम में कसरत करते तो कभी डांस करते हुए अचानक गिर जाना और फिर मौत... ये अचानक हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट आ जाने से होता है। कई युवा, खिलाड़ी और फिट लोग भी इसका शिकार हो रहे हैं। लोग हार्टअटैक और कार्डियक अरेस्ट को हार्ट अटैक ही समझ लेते हैं। ये दोनों अलग-अलग स्थितियां हैं। इस आर्टिकल में हम इन दोनों स्थितियों के बीच का अंतर, लक्षण और बचाव के तरीके समझेंगे।
हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट में अंतर
फैक्टर | हार्ट अटैक (Heart Attack) | कार्डियक अरेस्ट (Cardiac Arrest) |
---|---|---|
क्या होता है? | हृदय की धमनियों में ब्लॉकेज होने से रक्त प्रवाह रुक जाता है। | हृदय की विद्युत प्रणाली गड़बड़ाने से धड़कन अचानक बंद हो जाती है। |
लक्षण | सीने में दर्द, सांस लेने में दिक्कत, बाईं बाजू में दर्द, पसीना आना। | अचानक बेहोशी, सांस रुक जाना, नाड़ी महसूस न होना। |
स्थिति की गंभीरता | गंभीर लेकिन इलाज से बचाव संभव। | कुछ ही मिनटों में जानलेवा, तुरंत CPR जरूरी। |
कैसे पहचानें कि आपको या किसी और को हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट हो रहा है?
हार्ट अटैक के लक्षण (Warning Signs of Heart Attack):
- सीने में दबाव या जलन जैसा दर्द, जो कई मिनट तक बना रहे।
- दर्द बाएं हाथ, गर्दन, जबड़े या पीठ तक फैल सकता है।
- अधिक पसीना आना, मतली या उल्टी महसूस होना।
- सांस लेने में कठिनाई या घबराहट होना।
कार्डियक अरेस्ट के लक्षण (Warning Signs of Cardiac Arrest):
- व्यक्ति अचानक गिर जाता है और बेहोश हो जाता है।
- सांस आना बंद हो जाती है।
- नाड़ी (Pulse) महसूस नहीं होती।
- त्वचा नीली पड़ सकती है।
महत्वपूर्ण: कार्डियक अरेस्ट में तुरंत CPR और डिफिब्रिलेटर (AED) की जरूरत होती है, वरना व्यक्ति की मृत्यु कुछ ही मिनटों में हो सकती है।
हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट से बचाव कैसे करें?
- स्वस्थ आहार लें: तली-भुनी चीजों से बचें, हरी सब्जियां और फल खाएं।
- नियमित व्यायाम करें: कम से कम 30 मिनट वॉक या योग करें।
- तनाव कम करें: मेडिटेशन और अच्छी नींद लें।
- धूम्रपान और शराब से बचें: ये हृदय रोग का मुख्य कारण हैं।
- नियमित हेल्थ चेकअप कराएं: ब्लड प्रेशर, शुगर और ECG जांच कराते रहें।
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CPR कैसे दें? (इमरजेंसी स्थिति में क्या करें?)
अगर किसी को कार्डियक अरेस्ट हुआ है, तो तुरंत CPR (Cardiopulmonary Resuscitation) दें:
- व्यक्ति को समतल सतह पर लिटाएं।
- हाथों को सीने के बीच में रखें और तेज दबाव (100-120 बार प्रति मिनट) दें।
- अगर उपलब्ध हो तो AED (Automated External Defibrillator) का उपयोग करें।
- 108 या 102 नंबर पर कॉल कर मेडिकल सहायता बुलाएं।
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