Muzaffarpur: बिहार के प्राइमरी स्कूलों में कार्यरत बीएड योग्यताधारी शिक्षकों के लिए छह महीने का संवर्द्धन कोर्स कराया जाएगा। प्राथमिक शिक्षा निदेशक पंकज कुमार ने सभी जिलों के डीईओ को पत्र भेजकर बीएड स्पेशल एजुकेशन, डीएलएड स्पेशल एजुकेशन या बीएड के आधार पर नियुक्त शिक्षकों की जानकारी मांगी है।
यह फैसला पटना उच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में लिया गया है। अदालत ने 24 जुलाई 2019 को बीएड योग्यता वाले शिक्षकों के लिए संवर्द्धन कोर्स कराने का निर्देश दिया था, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं की गई थी। अदालत ने इस देरी पर नाराजगी जताते हुए मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव और प्राथमिक शिक्षा निदेशक के विरुद्ध अवमानना का मामला दर्ज किया है।
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काउंसलिंग से भागे चार प्रधान शिक्षक
वहीं, बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) से चयनित प्रधान शिक्षकों की काउंसलिंग के दौरान एक अजीबो-गरीब घटना सामने आई। चार प्रधान शिक्षक अपनी उपस्थिति दर्ज कराने और बायोमेट्रिक प्रक्रिया पूरी करने के बाद बिना काउंसलिंग कराए भाग निकले। काउंटर पर मौजूद कर्मचारी इस घटनाक्रम को समझ नहीं सके। संबंधित शिक्षकों की तलाश की गई, लेकिन वे नहीं मिले।
काउंसलिंग में महज 50 प्रतिशत अभ्यर्थी ही शामिल हुए। कुल 86 शिक्षकों को उपस्थित होना था, लेकिन सिर्फ 44 शिक्षक पहुंचे। इनमें से 39 को हरी झंडी दी गई, जबकि 17 संदिग्ध पाए गए।
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हेडमास्टर अभ्यर्थियों की काउंसलिंग आज
जिले में प्रमंडल के छूटे हुए हेडमास्टर अभ्यर्थियों की काउंसलिंग मंगलवार को आयोजित की जाएगी। इसमें 350 से अधिक हेडमास्टर 12 काउंटर पर काउंसलिंग में भाग लेंगे। इस प्रक्रिया में सीतामढ़ी, शिवहर, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, वैशाली और मुजफ्फरपुर के हेडमास्टर शामिल होंगे। काउंसलिंग प्रक्रिया को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए 50 कर्मियों की प्रतिनियुक्ति की गई है।