केंद्र सरकार ने जारी किया यूनिफाइड पेंशन स्कीम का गजट, कर्मचारी संगठनों ने बताया बड़ा झटका


नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) का गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। हालांकि, यह कदम कर्मचारियों के लिए राहत की बजाय विरोध का कारण बन गया है। कर्मचारी संगठनों और पुरानी पेंशन बहाली की मांग कर रहे संगठनों ने इसे बड़ा झटका बताया है।

नेशनल मिशन फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम के अध्यक्ष की प्रतिक्रिया
नेशनल मिशन फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम भारत के अध्यक्ष मंजीत सिंह पटेल ने कहा, "सरकार ने यह कदम उठाकर अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार ली है। बजट से पहले यह फैसला कर्मचारियों के असंतोष को और बढ़ाएगा।" पटेल ने यह भी बताया कि यूनिफाइड पेंशन स्कीम को कर्मचारियों के विकल्प के आधार पर लागू किया जाएगा, लेकिन इसमें कई शर्तें हैं, जो इसे कर्मचारियों के लिए कठिन बनाती हैं।

यूपीएस की मुख्य विशेषताएं और शर्तें

1. वीआरएस पर शर्तें: स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) केवल 25 वर्षों की सेवा पूरी करने के बाद ही दी जाएगी। इसके बाद भी पेंशन के लिए कर्मचारी को 60 वर्ष की आयु तक इंतजार करना होगा। उदाहरण के लिए, यदि कोई कर्मचारी 45 वर्ष की आयु में वीआरएस लेता है, तो उसे पेंशन के लिए 15 साल तक प्रतीक्षा करनी पड़ेगी।

2. पेंशन की गणना: यूनिफाइड पेंशन स्कीम केवल उन्हीं कर्मचारियों पर लागू होगी, जिन्होंने कम से कम 10 वर्ष की सेवा पूरी की है। ऐसे कर्मचारियों को उनकी अंतिम 12 महीनों की औसत सैलरी का 50% पेंशन के रूप में दिया जाएगा, जिसमें महंगाई भत्ता भी शामिल होगा।

3. एनपीएस में कोई बदलाव नहीं: नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) पहले की तरह जारी रहेगा। एनपीएस के तहत कर्मचारियों का अंशदान सरकार के खाते में जाएगा, और इसके बदले सरकार हर छह महीने पर सैलरी का 10% एकमुश्त राशि के रूप में लौटाएगी।


कर्मचारियों की मांगें

कर्मचारियों ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम की शर्तों पर नाराज़गी जताते हुए इसे अधिक लचीला बनाने की मांग की है। उनकी प्रमुख मांगें हैं:

1. स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की सीमा 25 वर्ष की बजाय 20 वर्ष की जाए।

2. पेंशन का भुगतान सेवानिवृत्ति की तिथि से शुरू हो, न कि 60 वर्ष की आयु के बाद।

3. एनपीएस के तहत कर्मचारी अंशदान को ब्याज सहित लौटाया जाए।


सरकार के फैसले पर बढ़ता असंतोष

यूनिफाइड पेंशन स्कीम का गजट जारी होने के बाद कर्मचारी संगठनों में असंतोष की लहर है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम सरकार और कर्मचारियों के बीच विवाद को और बढ़ा सकता है। पुरानी पेंशन बहाली की मांग कर रहे कर्मचारी अब इस फैसले के खिलाफ आंदोलन तेज करने की तैयारी में हैं।

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