शिक्षामित्रों को लेकर हुई सीएम योगी से मुलाकात पर क्या बोले MLC श्रीचंद शर्मा?


लखनऊ: उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्र और अनुदेशक लंबे समय से अपने मानदेय बढ़ोतरी और अन्य समस्याओं के समाधान की प्रतीक्षा कर रहे हैं। इसी बीच शीतकालीन सत्र के दौरान शिक्षामित्रों और अनुदेशकों से जुड़े मुद्दे जोर-शोर से उठे। इस क्रम में शिक्षक एमएलसी श्रीचंद शर्मा की मुलाकात शिक्षा मंत्री संदीप सिंह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हुई, जिसे काफी अहम माना जा रहा है।

मुख्यमंत्री से हुई इस मुलाकात में शिक्षामित्रों से जुड़े कई महत्वपूर्ण विषयों पर गहन चर्चा हुई। इनमें प्रमुख रूप से कैशलेस इलाज की सुविधा, स्थानांतरण नीति और मानदेय का मुद्दा शामिल रहा। एमएलसी श्रीचंद शर्मा ने बताया कि शिक्षामित्रों और अनुदेशकों की समस्याएं काफी समय से लंबित थीं, लेकिन आपसी तालमेल के अभाव में निर्णय नहीं हो पा रहा था। उन्होंने मुख्यमंत्री का आभार जताते हुए कहा कि अब इन मुद्दों पर ठोस पहल की गई है।

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श्रीचंद शर्मा के अनुसार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बड़ा फैसला लेते हुए शिक्षामित्रों, अनुदेशकों, वित्तविहीन शिक्षकों, एडेड कॉलेजों के शिक्षकों और परिषदीय शिक्षकों को कैशलेस चिकित्सा सुविधा के दायरे में लाने का निर्णय लिया है। यह ऐसा कदम है जिसकी न तो किसी ने कल्पना की थी और न ही इसकी औपचारिक मांग की गई थी।

इसके अलावा शिक्षामित्रों की लंबे समय से चली आ रही स्थानांतरण की मांग पर भी कार्रवाई शुरू हो गई है। जिन शिक्षामित्रों का चयन एक स्थान पर हुआ था, लेकिन सहायक अध्यापक बनने के बाद उनकी तैनाती दूरस्थ क्षेत्रों में हो गई थी, उनके लिए स्थानांतरण नीति तैयार कर दी गई है। खासतौर पर विवाहित महिला शिक्षामित्रों, जो विवाह के बाद दूसरे जिलों में चली गईं, उनके लिए भी स्थानांतरण का रास्ता खोलने हेतु डाटा एकत्र किया जा रहा है।

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एमएलसी श्रीचंद शर्मा ने यह भी बताया कि जिन महिला शिक्षामित्रों की शादी जिले के भीतर ही हुई है, लेकिन उनकी पोस्टिंग 100 से 150 किलोमीटर दूर है, उन्हें भी अपने मूल स्थान या उसके आसपास स्थानांतरण का अवसर देने पर सहमति बन चुकी है और इस दिशा में काम शुरू हो गया है।

मानदेय को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि यह विषय भी शासन स्तर पर विचाराधीन है और इस पर काम चल रहा है। उन्होंने भरोसा जताया कि शिक्षामित्रों के मानदेय से जुड़ा मुद्दा भी जल्द ही सकारात्मक रूप से तय किया जाएगा। इससे शिक्षामित्रों में उम्मीद जगी है कि आने वाले समय में उनकी आर्थिक स्थिति में भी सुधार देखने को मिल सकता है।

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