लखनऊ: 25 नवंबर को दिल्ली में एक बड़ा प्रदर्शन होने वाला है, जिसमें कर्मचारी अपनी प्रमुख मांगों को लेकर सरकार के सामने धरना देंगे। इस प्रदर्शन का आयोजन नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (NMOPS) और अटेवा के बैनर तले किया जा रहा है। कर्मचारियों की मुख्य मांगों में पुरानी पेंशन योजना (OPS) की बहाली, निजीकरण की समाप्ति और टीईटी प्रकरण से संबंधित विरोध शामिल है।
इससे पहले राजधानी लखनऊ के प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस वार्ता में विजय कुमार बंधु, NMOPS के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं अटेवा प्रदेश अध्यक्ष, ने कर्मचारियों के सामने संदेश दिया। उन्होंने कहा कि OPS ही कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा है और यही बुढ़ापे की लाठी है। उन्होंने बताया कि देश में 24 लाख एनपीएस कर्मचारी हैं, लेकिन उनमें से एक भी यूपीएस विकल्प नहीं चुन रहा है, जो सरकार के लिए चिंता का विषय है।
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विजय बंधु ने बताया कि दिल्ली में प्रदर्शन के दौरान विभिन्न विभागों के कर्मचारी शामिल होंगे। इसमें रेल, खेत सिंचाई विभाग और सफाई कर्मचारी संघ के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। उन्होंने सरकार से अपील की कि वे कर्मचारियों की आवाज़ को गंभीरता से सुनें और OPS बहाली सहित अन्य मांगों पर कदम उठाएँ।
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बढ़ते निजीकरण और बेरोजगारी के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि सरकारी संस्थाएं कमजोर हो रही हैं, जिससे नौजवानों को रोजगार नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि पुरानी पेंशन बहाली और निजीकरण विरोधी लड़ाई सामूहिक प्रयास के रूप में आगे बढ़ेगी।
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विजय कुमार बंधु ने कहा कि पिछले आंदोलनों में NMOPS और अटेवा की रैलियों ने प्रभावी दबाव बनाया है। इसी रणनीति के तहत 25 नवंबर का प्रदर्शन भी देशव्यापी जनसैलाब के रूप में होगा, ताकि सरकार कर्मचारियों की मांगों को अनदेखा न कर सके।
 
