Karwa Chauth 2025 Moon Rise Time: आज कब निकलेगा चांद? जानें लखनऊ, पटना, दिल्ली समेत देश के प्रमुख शहरों में चांद निकलने का सही समय


नई दिल्ली, 10 अक्टूबर 2025:
देशभर की सुहागिन महिलाएं आज करवाचौथ का व्रत रख रही हैं। सुबह सरगी ग्रहण करने के बाद पूरे दिन निर्जला व्रत रखकर महिलाएं अपने पति की दीर्घायु और सुखद वैवाहिक जीवन की कामना करती हैं।

शाम को गौरा मैया की पूजा और करवाचौथ कथा के बाद जब चंद्रमा आकाश में उदित होता है, तब महिलाएं चांद को अर्घ्य देकर और पति के हाथों से जल ग्रहण कर अपना व्रत पूर्ण करती हैं।

करवाचौथ पूजा विधि और व्रत पूर्ण करने की प्रक्रिया

  • संध्या समय मिट्टी से गौरा मैया की मूर्ति बनाएं और उनका श्रंगार करें।
  • दीपक जलाकर करवाचौथ कथा सुनें।
  • चंद्रोदय के बाद चांद को छलनी से देखकर अर्घ्य दें।
  • पति के हाथों से जल ग्रहण कर व्रत पूर्ण करें।

चंद्रमा को अर्घ्य देते समय पढ़ें ये मंत्र

ॐ सोमाय नमः
ॐ चन्द्राय नमः
ॐ श्रीं श्रीं चन्द्रमसे नमः
ॐ श्रां श्रीं श्रौं स: चन्द्रमसे नमः
ॐ सों सोमाय नमः

इस बीच, हर किसी के मन में सवाल है — आज चांद कब निकलेगा?
यहां जानें Karwa Chauth 2025 के दिन देश के प्रमुख 23 शहरों में Moon Rise Time (चंद्रोदय का समय) 👇

Karwa Chauth 2025: भारत के प्रमुख शहरों में चांद निकलने का समय

शहर चांद निकलने का समय
दिल्ली (Delhi) रात्रि 08:13 बजे
नोएडा (Noida) रात्रि 08:12 बजे
गुरुग्राम (Gurugram) रात्रि 08:14 बजे
चंडीगढ़ (Chandigarh) रात्रि 08:09 बजे
देहरादून (Dehradun) रात्रि 08:05 बजे
हरिद्वार (Haridwar) रात्रि 08:05 बजे
जयपुर (Jaipur) रात्रि 08:23 बजे
लखनऊ (Lucknow) रात्रि 08:02 बजे
कानपुर (Kanpur) रात्रि 08:06 बजे
प्रयागराज (Prayagraj) रात्रि 08:02 बजे
गोरखपुर (Gorakhpur) सायं 07:52 बजे
पटना (Patna) रात्रि 07:48 बजे
शिमला (Shimla) रात्रि 08:06 बजे
जम्मू (Jammu) रात्रि 08:11 बजे
अहमदाबाद (Ahmedabad) रात्रि 08:47 बजे
गांधीनगर (Gandhinagar) रात्रि 08:46 बजे
भोपाल (Bhopal) रात्रि 08:26 बजे
इंदौर (Indore) रात्रि 08:34 बजे
मुंबई (Mumbai) रात्रि 08:55 बजे
चेन्नई (Chennai) रात्रि 08:38 बजे
कोलकाता (Kolkata) सायं 07:42 बजे
भुवनेश्वर (Bhubaneswar) सायं 07:58 बजे
रायपुर (Raipur) रात्रि 08:01 बजे

धार्मिक महत्व

करवाचौथ का व्रत पति की लंबी उम्र, स्वास्थ्य और समृद्ध वैवाहिक जीवन की कामना के लिए रखा जाता है।
यह व्रत स्त्री की श्रद्धा, विश्वास और समर्पण का प्रतीक माना जाता है।
चंद्र दर्शन के बाद व्रत पूर्ण होने के साथ ही घर में उत्सव और हर्षोल्लास का वातावरण बन जाता है।

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियां धार्मिक और पारंपरिक मान्यताओं पर आधारित हैं। पाठक इन्हें आस्था के रूप में ग्रहण करें।

Post a Comment

Previous Post Next Post