महोबा। कबरई ब्लॉक के उच्च प्राथमिक विद्यालय प्रेमनगर के प्रधानाध्यापक मनोज कुमार साहू (49) ने सोमवार सुबह अपने घर पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। परिजनों और सहकर्मियों का कहना है कि वह शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की अनिवार्यता से लंबे समय से परेशान चल रहे थे। घटना से जिलेभर के शिक्षकों में आक्रोश है।
शहर के गांधीनगर स्थित शिक्षक कॉलोनी निवासी मनोज ने सुबह करीब सात बजे पत्नी चंद्रवती से टहलने की बात कहकर घर की दूसरी मंजिल पर गए थे। काफी देर तक नीचे न आने पर परिजन जब ऊपर पहुंचे तो उन्हें फंदे पर लटका पाया। आनन-फानन में जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
परिजनों ने बताया कि मनोज अक्सर टीईटी परीक्षा को लेकर चिंता जताते रहते थे। उनके चचेरे भाई नरेंद्र कुमार का कहना है कि मनोज ने कुछ शिक्षकों से फोन पर बात कर टीईटी पास करने के बारे में जानकारी ली थी। अवसाद में आकर उन्होंने यह कदम उठा लिया।
मृतक आश्रित के तहत वर्ष 1992-93 में मनोज को नौकरी मिली थी। इंटरमीडिएट और बीटीसी पास करने के बाद उन्होंने विशेष प्रशिक्षण लिया था। वर्तमान में वह प्रधानाध्यापक पद पर कार्यरत थे। हाल ही में कोर्ट के आदेश से शिक्षकों के लिए दो साल के भीतर टीईटी पास करना अनिवार्य हो गया है, जिससे वह तनावग्रस्त थे।
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घटना की जानकारी मिलते ही विभिन्न शिक्षक संगठनों के पदाधिकारी जिला अस्पताल पहुंचे। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष रमाकांत मिश्रा ने कहा कि संगठन शिक्षकों के हित के लिए संघर्ष करेगा। उन्होंने अपील की कि कोई भी शिक्षक हताश न हो।
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कोतवाली प्रभारी मनीष कुमार पांडेय ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। बीएसए राहुल मिश्रा ने कहा कि टीईटी परीक्षा को लेकर शासनादेश और नियमावली अभी जारी नहीं हुई है। संभावना है कि घरेलू कारणों से भी घटना हुई हो।
फिलहाल, मनोज की मौत से पत्नी चंद्रवती और दो बेटे सूर्यांश व प्रज्ञांश का रो-रोकर बुरा हाल है।
