लखनऊ: प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि फिलहाल शिक्षामित्रों को स्कूल टीचर के समान वेतनमान देने या उन्हें नियमित शिक्षक बनाने की कोई योजना नहीं है। विधान सभा के द्वितीय सत्र 2025 के प्रथम मंगलवार को जसराना के विधायक नाहिद हसन द्वारा पूछे गए प्रश्न के उत्तर में बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने बताया कि वर्तमान में शिक्षामित्रों को 10,000 रुपये प्रतिमाह मानदेय दिया जा रहा है।
सरकार ने यह भी कहा कि परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापकों की नियुक्ति मौलिक पद पर की जाती है, जबकि शिक्षामित्रों की नियुक्ति ग्राम शिक्षा समिति द्वारा संविदा के आधार पर 11 माह के लिए की जाती है। नियुक्ति की प्रकृति और शर्तें अलग होने के कारण दोनों को समान वेतन देना नियमों के अनुरूप संभव नहीं है।
देखें विधानसभा का वीडियो
मंत्री ने स्पष्ट किया कि “समान कार्य समान वेतन” का सिद्धांत शिक्षामित्रों के मामले में लागू नहीं हो सकता, इसलिए इस संदर्भ में कोई कदम उठाने का प्रश्न नहीं उठता।