मुजफ्फरपुर: बिहार विधान परिषद के सदस्य वंशीधर ब्रजवासी ने पारस्परिक स्थानांतरण की प्रक्रिया में शिक्षकों की पद और कोटि की बाध्यता को अव्यावहारिक बताते हुए इसे समाप्त करने की मांग की है। उन्होंने इस संबंध में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र भेजा है।
श्री ब्रजवासी ने अपने पत्र में लिखा है कि 14 जुलाई 2025 से ई-शिक्षा कोष पोर्टल के माध्यम से पारस्परिक स्थानांतरण का लिंक सक्रिय हुआ है, और शिक्षक ऑनलाइन आवेदन कर रहे हैं। हालांकि यह एक वैकल्पिक व्यवस्था है, लेकिन अगर कुछ शर्तों को हटा दिया जाए, तो यह व्यवस्था शिक्षकों के लिए और अधिक सहायक हो सकती है।
वर्तमान व्यवस्था के अनुसार, पारस्परिक स्थानांतरण केवल तभी संभव है जब दोनों शिक्षक समान पद, कोटि (जैसे 1-5, 6-8, 11-12) और विषय से संबंधित हों। वंशीधर ब्रजवासी ने विशेष रूप से यह प्रश्न उठाया है कि जब विद्यालय अध्यापक और विशिष्ट शिक्षक दोनों की सेवा-शर्तें, वेतनमान और सुविधाएं एक समान हैं, तो उनके बीच स्थानांतरण की अनुमति क्यों नहीं दी जा सकती।
उन्होंने कहा कि केवल "पद की समानता" की यह बाध्यता शिक्षकों के स्थानांतरण में एक बड़ी रुकावट बन रही है। यदि यह शर्त समाप्त कर दी जाए, तो हजारों शिक्षक-शिक्षिकाओं को राहत मिलेगी और वे पारिवारिक एवं सामाजिक परिस्थितियों के अनुसार स्थानांतरण प्राप्त कर सकेंगे।
श्री ब्रजवासी ने शिक्षा विभाग से आग्रह किया है कि वह इस विषय पर गंभीरता से विचार करे और पारस्परिक स्थानांतरण में विद्यालय अध्यापक एवं विशिष्ट शिक्षक के बीच की बाध्यता को समाप्त करने की दिशा में शीघ्र निर्णय लें।