लखनऊ: उत्तर प्रदेश के शिक्षा मित्रों और अनुदेशकों को कैबिनेट बैठक से बड़ी उम्मीदें थीं, लेकिन उनकी उम्मीदों को फिलहाल झटका लगा है। सोमवार को हुई मंत्री परिषद की बैठक में शिक्षा मित्रों के मानदेय वृद्धि के प्रस्ताव पर कोई चर्चा नहीं हुई।
कैबिनेट बैठक से पहले उत्तर प्रदेश शिक्षा मित्र शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अभय सिंह ने एक पोस्ट जारी कर संकेत दिया था कि इस बैठक में शिक्षामित्रों के मानदेय प्रस्ताव पर चर्चा संभव है। हालांकि, बैठक के बाद उन्होंने फिर से एक पोस्ट जारी कर कहा, "आज 10/03/2025 को हमारे प्रस्ताव पर मुहर नहीं लग पाई, जिसका अफसोस है।"
निर्णय टला, लेकिन निरस्त नहीं हुआ—संघ अध्यक्ष
अभय सिंह ने बताया कि मंत्री परिषद की बैठक में संविदा कर्मियों के मानदेय वृद्धि पर चर्चा हुई है, लेकिन शिक्षा मित्रों के मामले में कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ। उन्होंने शिक्षामित्रों से धैर्य बनाए रखने की अपील करते हुए कहा, "हमारा कार्य निरस्त नहीं हुआ है, बल्कि कुछ दिनों के लिए आगे बढ़ गया है। हो सकता है कि कल निर्णय हो जाए या कुछ दिन बाद।"
ये भी पढ़ें: यूपी कैबिनेट की बैठक में 19 प्रस्तावों को मिली मंजूरी
संघ अध्यक्ष ने यह भी स्पष्ट किया कि जब भी निर्णय होगा, आर्थिक वृद्धि का लाभ नए शैक्षिक सत्र से ही मिलेगा। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर सकारात्मक रुख अपनाया गया है और जल्द ही कोई ठोस निर्णय लिया जा सकता है।
शिक्षा मित्र और अनुदेशक अब अगली कैबिनेट बैठक का इंतजार कर रहे हैं, जिसमें उनके मानदेय वृद्धि पर कोई ठोस फैसला लिया जा सकता है।