बसंत पंचमी कब है, 2 या 3 फरवरी? जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि


Basant Panchami 2025: Importance and Celebrations: 
बसंत पंचमी का दिन हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। इसे एक ऐसे दिन के रूप में मनाया जाता है जब नए कार्यों की शुरुआत के लिए शुभ मुहूर्त होता है। इस दिन शादी, मुंडन, नामकरण, गृह-प्रवेश, और अन्य शुभ कार्य किए जाते हैं। खासकर, विवाह के मामलों में यह दिन बेहद शुभ माना जाता है, क्योंकि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती के तिलकोत्सव की मान्यता है। इसे सात जन्मों तक साथ रहने वाले बंधन के रूप में देखा जाता है।

पौराणिक कथा के अनुसार, बसंत पंचमी के दिन ही भगवान ब्रह्मा ने मां सरस्वती का निर्माण किया था। देवी सरस्वती के चार हाथ होते हैं, जिनमें से एक हाथ में वीणा, दूसरे में पुस्तक, तीसरे में माला, और चौथे में वर मुद्रा होती है। जब ब्रह्मा जी ने मां को वीणा बजाने के लिए कहा, तो संसार में हर चीज में स्वर की उत्पत्ति हुई। इस दिन को वाणी की देवी मां सरस्वती का जन्म दिवस भी माना जाता है।

बसंत पंचमी की पूजा विधि: बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा विधि-विधान से की जाती है। इस दिन पीले रंग के पुष्प अर्पित करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है, क्योंकि पीला रंग ज्ञान और समृद्धि का प्रतीक है। इसके अलावा, पेन, किताब, और कॉपी को पूजा में शामिल करने से बुद्धि और ज्ञान के वरदान की प्राप्ति होती है। इस दिन पीले रंग की मिठाई, जैसे बेसन का लड्डू या बूंदी का भोग भी मां सरस्वती को अर्पित किया जाता है।


ये भी पढ़ें: Happy Basant Panchami 2025: इस बसंत पंचमी पर भेजें अपने करीबियों को दिल से शुभकामनाएं और संदेश

बसंत पंचमी 2025 कब है? इस साल बसंत पंचमी की तिथि में थोड़ा असमंजस है। पंचमी तिथि 2 फरवरी 2025 को सुबह 9 बजकर 14 मिनट से शुरू हो रही है और यह 3 फरवरी को 6 बजकर 52 मिनट तक रहेगी। उदया तिथि के अनुसार, बसंत पंचमी 3 फरवरी को मनाई जाएगी। इसलिए कुछ क्षेत्रों में इसे 2 फरवरी को तो कुछ में 3 फरवरी को मनाया जाएगा।

तो, बसंत पंचमी 2025 3 फरवरी को मनाई जाएगी।

Post a Comment

Previous Post Next Post