अब ये शिक्षामित्र अपने मूल निवास स्थान या नजदीकी स्कूल में स्थानांतरण करा सकेंगे। लंबे समय से शिक्षामित्र इस फैसले का इंतजार कर रहे थे।
सरकार ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है और प्रक्रिया भी तय कर ली गई है। जिलाधिकारी (डीएम) की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया जाएगा, जो स्थानांतरण से जुड़ी प्रक्रिया को पूरा करेगी।
नए शासनादेश के तहत शिक्षामित्रों को उनकी पसंद के स्थान पर तैनाती का विकल्प दिया गया है, जिससे कई परिवारों को एकजुट होने का अवसर मिलेगा। इस कदम से खासकर वे महिलाएं लाभान्वित होंगी, जो अपने परिवार से दूर रहकर सेवाएं दे रही थीं।
शिक्षामित्रों ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा, "यह शासनादेश शिक्षामित्रों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है। हम लंबे समय से सरकार से इस पर निर्णय लेने की मांग कर रहे थे।"
हालांकि, शासनादेश के कार्यान्वयन और स्थानांतरण प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने की अपील भी की गई है। शिक्षामित्रों ने उम्मीद जताई है कि यह प्रक्रिया जल्द ही पूरी होगी और उन्हें नई तैनाती का लाभ मिलेगा।
सरकार के इस कदम से शिक्षामित्रों के बीच खुशी की लहर दौड़ गई है। कई शिक्षामित्रों ने इसे अपने संघर्षों की जीत करार दिया और सरकार का आभार व्यक्त किया।