महाकुंभ में भगदड़ के बाद सीएम योगी की लोगों से बड़ी अपील, जानिए क्या बोले CM Yogi Adityanath

Prayagraj Mahakumbh 2025: प्रयागराज महाकुंभ में हुई भगदड़ के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पहला बयान सामने आया है। उन्होंने श्रद्धालुओं से अफवाहों पर ध्यान न देने और प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की अपील की है। सीएम ने कहा, "मां गंगा की कृपा सभी पर बनी रहे, इसके लिए जरूरी है कि श्रद्धालु उसी घाट पर स्नान करें, जो उनके निकट हो। संगम नोज की ओर जाने की कोशिश न करें।"

सुरक्षा के लिए सीएम योगी की खास अपील


मुख्यमंत्री ने श्रद्धालुओं से शांति और अनुशासन बनाए रखने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि महाकुंभ में स्नान के लिए कई घाट उपलब्ध हैं, जहां सुरक्षित तरीके से डुबकी लगाई जा सकती है। उन्होंने जनता से प्रशासन के निर्देशों का पालन करने और व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग करने की अपील की।
इस बीच, मेला अधिकारी विजय किरण आनंद (Vijay Kiran Anand) ने मुख्यमंत्री को भगदड़ के कारणों की जानकारी दी। प्रयागराज प्रशासन डीजीपी प्रशांत कुमार और प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद के सतत संपर्क में है और स्थिति पर पूरी तरह नजर बनाए हुए है।

धर्मगुरुओं की अपील – संगम में स्नान की ज़िद न करें

सीएम योगी (CM Yogi Adityanath) के साथ ही धर्मगुरुओं और संत समाज ने भी श्रद्धालुओं से संयम बरतने की अपील की है।

🔹 स्वामी रामभद्राचार्य (Swami Rambhadracharya) ने श्रद्धालुओं से अनुरोध किया कि वे संगम में स्नान की ज़िद छोड़कर निकटतम घाटों पर स्नान करें। उन्होंने लोगों से कहा कि अनावश्यक रूप से शिविरों से बाहर न निकलें और अपनी सुरक्षा का विशेष ध्यान रखें।

🔹 योग गुरु बाबा रामदेव (Baba Ramdev) ने कहा कि करोड़ों श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए उन्होंने खुद सांकेतिक स्नान किया और विश्व कल्याण की प्रार्थना की। उन्होंने कहा, "भक्ति में भावनाओं के प्रवाह में बहने के बजाय आत्म-अनुशासन और संयम बनाए रखें।"
🔹 जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी (Swami Awadheshanand Giri) ने भी श्रद्धालुओं से अनुशासन और सतर्कता बनाए रखने का अनुरोध किया और खुद भी सांकेतिक स्नान किया।

12 करोड़ श्रद्धालुओं की भीड़, सुरक्षा सर्वोपरि – अखाड़ा परिषद


अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी (Ravindra Puri) ने कहा कि इस समय 12 करोड़ से अधिक श्रद्धालु प्रयागराज में मौजूद हैं, जिससे भीड़ को नियंत्रित करना चुनौतीपूर्ण हो गया है। उन्होंने कहा, "हमारे साथ लाखों संत और श्रद्धालु हैं, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण है सभी की सुरक्षा और सुव्यवस्था बनाए रखना। प्रशासन को सहयोग दें और धैर्य रखें।"

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